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मिट्टी की जांच से पता चलेगा खेत में कितनी खाद डालें किसान, हरियाणा सरकार ने शुरू की ये योजना - Soil Health Card Scheme

हरियाणा में हर खेत स्वस्थ खेत योजना (har khet swasth khet) शुरू की गई है. जिसके तहत खेतों की मिट्टी की जांच की जायेगी. मिट्टी की जांच ये पता चल जायेगा कि इसमें कितनी उर्वर क्षमता है. इससे किसानों को ये पता चल सकेगा कि वो अपने खेत में कितनी खाद डालें. मिट्टी को कितने उर्वरक की जरूरत है. पूरे प्रदेश में इसके लिए किसानों के खेत से मिट्टी के नमूने लेने का काम शुरू कर दिया गया है.

Soil Health Card Haryana
Soil Health Card Haryana

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Published : May 17, 2022, 3:31 PM IST

पलवल:मिट्टी में पोषक तत्वों के स्तर की जांच के लिए किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लिए जा रहे हैं. भूमि परीक्षण विभाग द्वारा मिट्टी का नमूना लेने के लिए किसान सहायक नियुक्त किए गए हैं जो गांवों में जाकर किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने इकट्ठा कर रहे हैं. नमूनों का प्रयोगशाला में परीक्षण किया जा रहा है. पलवल में अभी तक 2500 किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने ले लिए गए हैं. जिनकी रिपोर्ट बनाकर पोर्टल पर अपलोड की जा रही है ताकि किसानों को शॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए जा सके.

पलवल भूमि परीक्षण अधिकारी सुमेर सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार ने हर खेत स्वस्थ खेत योजना(har khet swasth khet) शुरू की है. जिसके अंर्तगत प्रदेश में 25 लाख मिट्टी के नमूने एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है. यह स्कीम 3 चरणों में बांटी गई है. प्रत्येक चरण में 49 ब्लॉक लिए गए हैं. जिनमें पलवल जिले के होडल व हसनपुर, पृथला व हथीन शामिल हैं. इन चारों खंडों में से लगभग 2 लाख नमूने एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है. मिट्टी के नमूने लेने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में किसान सहायकों की नियुक्ति कर दी गई है. मिट्टी का परीक्षण करने के बाद किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए जाएगें. जिसके अनुसार किसानों को संतुलित खादों का प्रयोग खेतों में करना होगा.

मिट्टी की जांच से पता चलेगा खेत में कितनी खाद डालें किसान, हरियाणा सरकार ने शुरू की ये योजना

मिट्टी के नमूने एकत्रित कर रहे सुनील कुमार ने बताया कि किसान सहायक गांवों में जाकर मिट्टी के नमूने ले रहे हैं. नमूनों का प्रयोगशाला में टेस्ट किया जा रहा है. उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर सॉयल हेल्थ कार्ड (Soil Health Card Haryana) जारी किए जा रहे हैं. उन्होनें किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान सहायकों का सहयोग करें और परिवार पहचान पत्र व आधार कार्ड अवश्य दिखायें. मिट्टी की जांच के बाद किसानों के खेतों की पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी और किसानों को आर्थिक लाभ भी होगा.

मिट्टी का नमूना एकत्रित करते किसान सहायक

वहीं किसान कुलदीप सिहं ने बताया कि अपने खेतों से मिट्टी के सैंपल लेकर अनाज मंडी स्थित प्रयोगशाला में टेस्ट करवाने के लिए आए हैं. जांच के बाद मिट्टी में पोषक तत्वों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी. उसी के अनुसार हम खेतों में खादों का प्रयोग करेगें ताकि उनकी उपज में बढ़ोत्तरी हो सके.

लैब में रखे मिट्टी के नमूने.

क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना-इस योजना के तहत किसानों के खेत की मिट्टी के नमूने लिये जाते हैं. इस नमून की जांच करके इसका सॉयल हेल्थ कार्ड बनाया जाता है. इस कार्ड में खेत की मिट्टी किस प्रकार की है, इसकी पूरी जानकारी होती है. इससे किसान अपनी मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार फसल लगा सकते हैं. साथ ही किसानों को ये भी पता चल जाता है कि मिट्टी के पोषक तत्वों के आधार पर कितनी खाद और उर्वरक की जरूरत है.

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