पलवल: पलवल के न्यू कॉलोनी में रहने वाले भारतीय सेना से रिटायर कैप्टन बिजेंद्र सिंह पोसवाल (Retired Captain Bijendra Singh Poswal of Palwal) पिछले 7 सालों से शहीद सैनिक परिवारों की सहायता करने में (army captain helping martyr soldiers families Palwal) लगे हुए है. भारतीय सेना में 30 साल देश सेवा करने के बाद अब रिटायर कैप्टन अपनी टीम के साथ उन शहीद सैनिकों के परिवारों की मदद कर रहे है. जो कागजी कार्रवाई पूरी ना होने के चलते सेना के द्वारा मिलने वाले लाभ और राज्य सरकार से मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाते हैं.
रिटायर्ड कैप्टन बिजेन्द्र सिंह पोसवाल वर्ष 2014 से उन सैनिक परिवारों की मदद कर रहे हैं, जिन परिवारों के लाल देश की रक्षा करते हुए सीमा पर अपनी जान गंवा देते हैं. लेकिन कागजी कार्रवाई की जानकारी ना होने के चलते शहीदों के परिवारों को (martyr soldiers families) बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई सारी ऐसी सरकारी सुविधाएं हैं जो जानकारी और कागजी कार्रवाई के अभाव में शहीदों के परिवार को नहीं मिल पाती है.
7 सालों से शहीद सैनिक परिवारों की मदद कर रहे है पलवल के रिटायर कैप्टन, कागजी कार्रवाई पूरी कर दिला रहे लाभ ये भी पढ़ें-पानीपत में बाल मजदूरी से मुक्त कर बच्चों को स्कूल भेज रही सुधा झा, प्रेरणादायक है इनकी कहानी
ऐसे में बिजेन्द्र सिंह पोसवाल उन परिवारों की मदद करने में लगे हुए हैं. वह अपनी टीम के साथ मिलकर ऐसे परिवारों की कागजी कार्रवाई में मदद करते हैं और उनको सरकारी सुविधाओं का लाभ मुहैया कराते हैं. बता दें कि बिजेंदर सिंह पोसवाल मूल रूप से गांव फुलवारी के रहने वाले हैं और वर्तमान में पलवल की न्यू कॉलोनी में रह रहे हैं. 1976 में उन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं शुरू की और 30 साल तक भारतीय सेवा में सेवा देने के बाद वह सेवानिवृत हो गए. सेना से रिटायर होने के बाद कैप्टन पोसवाल ने आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस में सर्विस शुरू की और यहां पर कई साल लगातार सर्विस करने के बाद 2014 में वह वहां से भी रिटायर हो गए.
रिटायर्ड कैप्टन बिजेंद्र सिंह पोसवाल बिजेन्द्र सिंह पोसवाल ने बताया कि लोगों की मदद करने की प्रेरणा उनको यहीं से मिली. क्योंकि फौज में वह कागजी कार्रवाई से जुड़ा हुआ काम करते थे. उनके अनुसार फौज में कागजी कार्रवाई बेहद अहम हिस्सा होता है. उन्होंने बड़े-बड़े ऑपरेशन एरिया में और एनडीए खड़कवासरा जैसे संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं. इसीलिए उनको बहुत बारीकी से कागजी कार्रवाई के बारे में जानकारी है. कैप्टन ने बताया कि जब वह आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस में काम कर रहे थे तो बहुत सारे शहीदों की वीरांगना और ऐसे परिवार उनके पास आते थे, जिनके पास कागजी कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं होती थी.
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अधूरी कागजी कार्यवाही के चलते उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. बहुत सारे लोगों को पेंशन नहीं मिल पा रही थी और बहुत सारे लोगों की पेंशन कम मिल रही थी. कई परिवारों के बच्चों को नौकरी मिलनी चाहिए थी. लेकिन कागजी कार्यवाही की वजह से नौकरी नहीं मिल पा रही थी. 2014 में आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस है रिटायरमेंट लेने के बाद बिजेंद्र सिंह पोसवाल ने अपने 11 साथियों के साथ मिलकर 1 सितंबर 2014 को एक्स सर्विसमैन सोसायटी के नाम से एक संस्था शुरू की.
इस संस्था का काम शहीद परिवारों की कागजी कार्रवाई में मदद करना है. ताकि वक्त रहते परिवारों को सेना की तरफ से दी जाने वाली सुविधाएं और राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली सुविधाएं मिल सकें. उनकी टीम पलवल जिले सहित देश के अन्य राज्यों में भी शहीद परिवारों की मदद कर रही हैं. जहां से भी उनकी संस्था के पास मदद के लिए कोई फोन कॉल आती है या लोग उनके पास आते हैं, वह उन शहीद परिवारों के कागजी कार्रवाई को पूरी कर आते हैं.
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गौरतलब है कि अकेले पलवल जिले में ही 45 से ज्यादा ऐसे परिवार हैं. जिनके कागज दोबारा से ठीक करा कर उनको पेंशन जैसा लाभ दिलाया है. इसके साथ ही जिले में करीब 28 युवाओं को नौकरी दिलवाने में उनकी संस्था ने मदद की है. यह वह युवा है जिनके परिवार से कोई ना कोई शहीद हुआ था, लेकिन बिना जानकारी और बिना कागजी कार्रवाई के वह नौकरी के इस लाभ से वंचित थे. उनकी संस्था समय-समय पर जिले में शहीद होने वाले सैनिकों और अन्य किसी कारणों से जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों से मिलती रहती हैं और उनकी पेंशन संबंधी तथा बच्चों की पढ़ाई से संबंधित और नौकरी से संबंधित जरूरी कागज कार्रवाई में उनकी मदद करती है.
वहीं शहीदों के परिवार के लोगों ने बताया कि कैप्टन बिजेन्द्र सिंह पोसवाल (Retired Captain Bijendra Singh Poswal of Palwal) के द्वारा उनकी कागजी कार्रवाई से संबंधित जो मदद की गई है, उससे उनके परिवारों को आर्थिक तौर पर बेहद मजबूती मिली है. वर्ष 2000 में शहीद हुए संजू कुमार की वीरांगना अनीता देवी ने बताया कि मेरी पेंशन पहले केवल 3,200 रूपये ही आ रही थी. लेकिन जब कैप्टन पोसवाल की टीम की तरफ से उनकी पूरी कागजी कार्यवाही को करवाया गया तो आज उनकी पेंशन 40 हजार रूपये आ रही है.
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