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अधर में पड़ा रसूलपुर रेलवे फ्लाईओवर का कार्य, स्कूली छात्रों के साथ स्थानीय लोगों के लिए बना जंजाल

पलवल रसूलपुर रेलवे फ्लाईओवर का काम अधूरा होने से आने जाने वाले लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है. रेलवे लाइन को पार करते समय स्कूली छात्रों को भी अपनी जान जोखिम में डालना पड़ता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक कई बार विरोध जताया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

Rasulpur railway flyover work incomplete
Rasulpur railway flyover work incomplete

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Published : Dec 17, 2022, 7:17 AM IST

Updated : Dec 17, 2022, 10:11 AM IST

अधर में पड़ा निर्माण कार्य

पलवल: रसूलपुर रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण कार्य को पूरा करने की डेडलाइन एक बार फिर पूरी हो गई है. अब तक चार बार इस फ्लाईओवर के निर्माण को पूरा करने की डेडलाइन खत्म हो चुकी (Rasulpur railway flyover work incomplete) है. इस फ्लाईओवर को इसी माह तक पूरा होना था. लेकिन बताया जा रहा है कि इसका निर्माण कार्य जनवरी या फरवरी माह तक पूरा हो पाएगा. फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अभी 20 प्रतिशत तक बाकी है. अधूरा पड़ा फ्लाईओवर क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर रहा है.

पलवल रसूलपुर रेलवे फ्लाईओवर का काम अधूरा
इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य वर्ष 2018 के अक्टूबर माह में 45 करोड़ की लागत से शुरू किया गया था. 18 माह में इस फ्लाईओवर को बनकर तैयार हो (construction work of rasulpur railway flyover) जाना था. लेकिन इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चार साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. चार साल से लोग फ्लाईओवर ना बनने के कारण प्रभावित हो रहे हैं. फ्लाईओवर का निर्माण पूरा कराने की मांग को लेकर स्थानीय निवासी धरना भी दे चुके हैं, जिसको प्रशासन ने आश्वासन देकर समाप्त करा दिया था. धरने के बाद काम शुरू तो करवा दिया गया, मगर काम की गति काफी धीमी है.

फ्लाईओवर बना रहे ठेकेदार पर करीब 40 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. इस अधूरे फ्लाईओवर के कारण आसपास के निवासियों का जीना दूभर हो गया है. नागरिकों को पलवल से आवागमन के लिए दूसरे वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना पड़ता है. उन्हें पलवल आवागमन के लिए कई किलोमीटर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और यह रास्ते जर्जर स्थिति में हैं. आसपास की सड़कें भी खोदकर रख दी गई हैं. बरसाती मौसम में इन रास्तों में कीचड़ और जलभराव से उनका जीना दूभर हो गया है. राहगीर गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं.

स्थानीय लोगों के लिए बना जंजाल

बीमारी और किसी दुर्घटना के वक्त तो उन्हें सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोग जान जोखिम में डालकर मजबूरी में निर्माणधीन फ्लाईओवर के नीचे से रेलवे ट्रैक को पैदल पार करते हैं. रेलवे ट्रैक पार करते हुए कई लोगों की जान भी जा चुकी है. इस फ्लाईओवर के बन जाने से हसनपुर, बडौली, रसूलपुर, लोहागढ़, रौनीजा, छज्जूनगर, होशंगाबाद, अच्छेजा, कुशक, बाडका, खटका, अमरौली, सुलतापुर, रहीमपुर, लुलवाड़ी, भवाना, टप्पा, बिलोचपुर, सतुआ गढ़ी, माहौली, बाता, कमरावली, करीमपुर, मीसा, समेत दर्जनों गांवों और कालोनियों के निवासियों को फायदा होगा.

रेलवे लाइन को पार करते स्कूली छात्र

लोगों का कहना है कि पुल के निर्माण कार्य में देरी पर देरी होने से उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा (local people Protest in Palwal) है. उनके व्यापार पिछले 4 साल से ठप पड़े हैं. कई दुकानदारों ने तो अपनी दुकानें भी बंद कर दी हैं. कोरोना और महंगाई की मार ने पहले ही उनकी कमर तोड़कर रख दी थी. अब इस फ्लाईओवर निर्माण कार्य भी उनके लिए जी का जंजाल बना हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कराया जाए. जिससे कि उन्हें किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

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Last Updated : Dec 17, 2022, 10:11 AM IST

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