पलवल: देश को लॉकडाउन कर घरों में रहने के लिए बोल दिया गया, जिसका काफी असर भी देखने को मिल रहा है, लेकिन हजारों ऐसे लोग भी हैं जो मजदूरी कर अपना पेट भरा करते हैं. लॉकडाउन की वजह से ऐसे लोग भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.
ऐसा ही एक गरीब परिवार मुनिया का भी है, जो पलवल में रहता है. उसके परिवार में वो, उसका पति और सात बच्चे हैं. जब से पीएम मोदी ने लॉकडाउन का ऐलान किया है, तब से उसके घर के सदस्यों को काम नहीं मिला है. यानी की पिछले दो दिन से उसके परिवार के लोगों ने काम नहीं किया. जिसका नतीजा ये हुआ कि उनके घर में चूल्हा नहीं जल पाया.
घर में बच्चे भूखे, खाने की तलाश में दर दर भटक रही मां मुनिया ने बताया कि पिछले दो-तीन दिन से उसका परिवार भूखा. जो पैसा मजदूरी कर कमाया था वो खर्च हो गया है. अब उनके घर में अनाज के एक दाना भी नहीं है. मुनिया ने बताया कि वो अपने बेटे के साथ मदद लेने पुलिस से लेकर कई सरकारी ऑफिस तक जा चुकी है, लेकिन उसे कही मदद नहीं मिली.
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मुनिया ने बताया कि पुलिस ने ऐसा कहकर वापस भेज दिया कि उन्हें गरीब लोगों को खाना देने का आदेश नहीं मिला है. वहीं जब वो नगर परिषद पहुंची को वहां उसे कोई अधिकारी नहीं मिला. मुनिया को अब भी मदद की दरकार है, ताकि वो अपना और अपने परिवार का पेट भर सके.