पलवल-पलवल के रहने वाले किसान बिजेन्द्र दलाल आधुनिक तरीके से खेती करने में यकीन करते हैं. वे निरंतर कृषि वैज्ञानिकों के संपर्क में रहते हैं और खेती की नई-नई तकनीकों को सीखते रहते हैं. इसका फायदा उन्हें खेती में मिलता है. स्वीट कॉर्न की साल में तीन फसल लेकर लाखों रुपये कमा ले रहे हैं. बिजेन्द्र को कई पुरस्कार भी मिले हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है.
संरक्षित खेती पर जोर:बिजेन्द्र बचपन से ही खेती में नए नए प्रयोग करने के पक्ष में रहे हैं. जब वे दसवीं क्लास में पढ़ते थे तभी उन्होंने सोचा कि कृषि वैज्ञानिकों से मिल कर खेती को कैसे लाभकारी बनाए जाए, इसकी जानकारी ली जाए. वे निरंतर कृषि अनुसंधान केन्द्र के संपर्क में रहते हैं. बिजेन्द्र का कहना है कि कृषि अनुसंधान केन्द्रों पर जाने से बहुत जानकारी मिलती है. कृषि वैज्ञानिक खेती करने के नवीनतम तरीकों के बारे बताते हैं. जिनका इस्तेमाल कर के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. हरियाणा सरकार ने साल 2013 में संरक्षित खेती की ट्रेनिंग लेने के लिए उन्हें इजरायल भेजा था.
स्वीट कॉर्न की खेती से लाखों का मुनाफा:बिजेन्द्र ने बताया कि पिछले कई सालों से परम्परागत खेती को छोडक़र स्वीट कॉर्न (मीठी मकई) की खेती कर रहे हैं. बिजेन्द्र साल भर में स्वीट कॉर्न की तीन फसल लेते हैं. प्रगतिशील किसान बिजेंद्र दलाल बताते हैं कि स्वीट कॉर्न की खेती में एक एकड़ में तीन किलोग्राम बीज लगता है. तीन किलोग्राम बीज में साढ़े 21 हजार से 22 हजार तक बीज होते हैं. ये बीज उन्नत किस्म के होते हैं. बिजेन्द्र के अनुसार मार्केट में स्वीट कॉर्न का रेट 25 रूपए प्रति किलोग्राम है. एक बार में डेढ़ लाख रूपए की आमदनी होती है. इस प्रकार साल में तीन फसल लेने पर उन्हें साढ़े चार लाख की आमदनी होती है.