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करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी शुगर मिल पर लटका ताला, 15 दिन पहले कैबिनेट मंत्री ने किया था उद्घाटन

पलवल शुगर मिल में गन्ने की पिराई का उद्घाटन खुद कैबिनेट मंत्री बनवारी लाल ने 12 दिसंबर को किया था, लेकिन अभीतक मिल में गन्ने की पिराई का काम शुरू नहीं हो पाया है. कई दिन गुजरने के बाद भी जब गन्ने की पिराई शुरू नहीं की गई तो किसानों ने आक्रोशित होकर धरना की शुरूआत की है.

palwal sugar mill closed due to breakdown
करोड़ों के खर्च के बाद भी बंद पड़ी शुगर मिल

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Published : Dec 26, 2019, 9:52 PM IST

पलवल: प्रदेश में गन्ने की पिराई का सीजन जोरों पर है, लेकिन पलवल शुगर मिल में चीनी का एक भी दाना नहीं बना है. पलवल शुगर मिल में गन्ने की पिराई नहीं हो पाने का सबसे बड़ा कारण मिल में बार-बार हो रहे ब्रेकडाउन का होना बताया जा रहा है.

पलवल शुगर मिल पर लगा ताला
बता दें कि ये वही शुगर मिल है जहां गन्ने की पिराई का उद्घाटन खुद कैबिनेट मंत्री बनवारी लाल ने 12 दिसंबर को किया था, लेकिन अभीतक मिल में गन्ने की पिराई का काम शुरू नहीं हो पाया है. कई दिन गुजरने के बाद भी जब गन्ने की पिराई शुरू नहीं की गई तो किसानों ने आक्रोशित होकर धरना की शुरूआत की है. किसानों की माने तो जबतक पिराई शुरू नहीं की जाएगी उनका धरना जारी रहेगा.

करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी शुगर मिल पर लटका ताला, देखें वीडियो

बनवारी लाल ने की थी गन्ने पिराई की शुरूआत
हर साल पलवल शुगर मिल को अक्टूबर महीने में शुरू कर दिया जाता था, लेकिन इस साल 12 दिसंबर को प्रदेश के सहकारिता मंत्री बनवारी लाल के हाथों मिल की शुरूआत की गई, लेकिन उद्घाटन के तुरंत बाद ही मिल को बंद कर दिया गया. उसके अगले दिन जब मिल को चलाया तो सिर्फ दो-तीन घंटे चलने के बाद ही मिल को दोबारा बंद कर दिया गया. उसके बाद बार-बार मिल को चलाया गया, लेकिन बार-बार ब्रेकडाउन होता रहा.

किसानों को हो रहा काफी नुकसान
पिछले 15 दिनों से लगातार जनरेटर को चलाया जा रहा है, जिसका प्रति घंटे करीब ढाई से 3000 रुपये सिर्फ डीजल का खर्च पड़ता है. वहीं पलवल शुगर मिल को गन्ना देने वाले किसानों को इस बार गन्ने की बिजाई करनी भी भारी पड़ रही है. मिल नहीं चलने के कारण किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा है, जिसके कारण किसान दूसरी फसल भी नहीं लगा पा रहे हैं.

करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं हो रही पिराई
बता दें कि पलवल शुगर मिल की क्षमता बढ़ाने और मेनटेंस के लिए करीब 19 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसमें से 12 करोड़ रुपये मेनटेंस के तौर पर शुगर मिल पर खर्च किए गए, बावजूद इसके रिजल्ट बिल्कुल जीरो है. जानकारी के मुताबिक मिल में पहले करीब 6000 क्विंटल गन्ने का रस तो नालियों में ही बह गया था, इतनी बड़ी लीकेज के बारे में मिल प्रबंधन और कर्मचारियों को काफी देरी से जानकारी हो पाई थी. उसके बाद उस लीकेज को बंद किया गया.

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वहीं पलवल शुगर मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर नरेश कुमार माने तो साडे 17000 क्विंटल गन्ने की 20 दिसंबर तक पिराई की गई है. वहीं उन्होंने सिर्फ एक हफ्ते पहले ही शुगर मिल के एमडी का चार्ज संभाला है. पिराई में काफी लेप्स रहे हैं, जो दिक्क्ते हैं उन्हें दूर कर 28 दिसंबर तक मिल को सुचारु रूप से चला दिया जाएगा.

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