पलवल: 26 मार्च को देशव्यापी भारत बंद के दौरान पलवल में आंदलोनकारी किसानों द्वारा नेशनल हाईवे 19 जाम करने पर पलवल पुलिस ने 16 नामजद और 450-500 अन्य किसानों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पलवल में भी किसान नेताओं ने नेशनल हाईवे को करीब 4 घंटे के लिए जाम कर दिया था. पुलिस ने अब नेशनल हाईवे जाम करने के आरोप में कुछ नामजद किसान नेता और अन्य किसानों के खिलाफ नेशनल हाईवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
26 मार्च को भारत बंद के दौरान पलवल पुलिस ने 16 किसानों के खिलाफ दर्ज किया एफआईआर 16 नामजद लोगों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया है एफआईआर
सदर थाना प्रभारी आनंद कुमार ने नामजद लोगों के नामों की घोषणा करते हुए बताया कि औरंगाबाद गांव के निवासी समुंद्र, महेंद्र, जयराम, होशियार, मेघसिंह, हरी, सुमेर, बुद्धी, शिवराम, नत्थी, अतर सिंह, रतन सिंह, रामवीर व गांव जनौली निवासी छोटा पहलवान है. थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों द्वारा आड़े-तीरछे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर हाईवे जाम करने की वजह से वाहन फंसे रहे. जिसके चलते आवागमन में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि जाम में आर्मी की गाड़ियां व एंबुलेंस भी फंसी रही.
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सरकार का रवैया बिल्कुल तानाशाह पूर्ण है- किसान
किसान नेता मूलचंद व इंद्रजीत कंडू ने बताया कि सरकार का रवैया बिल्कुल तानाशाह पूर्ण है. भारत बंद का आह्वान पहले से ही था. हर किसी को पहले से ही पता था कि 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद है. हाईवे जाम के दौरान आपातकालीन वाहन जैसे आर्मी गाड़ी, स्कूल बस, पुलिस गाड़ी, एंबुलेंस व दमकल विभाग सहित किसी भी वाहन को जाम में फंसने नहीं दिया. बल्कि उनको रास्ता देकर बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया.
उन्होंने कहा कि सरकार केवल किसानों को डराने के लिए इस तरह के मुकदमे दर्ज कर रही है, लेकिन किसान बिल्कुल भी डरने वाले नहीं हैं. जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे, एमएसपी पर लिखित में कानून नहीं बनेगा. तब तक धरना पूर्णरूप से कायम रहेगा.
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होलिका दहन के अवसर पर किसान जलाएंगे कृषि कानूनों की प्रतियां
वहीं उन्होंने बताया कि आज होली का पर्व है किसान धरना स्थल पर तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताया जाएगा. साथ ही हमारा ब्रज का क्षेत्र है. इसलिए बिल्कुल परंपरागत तरीके से धरना स्थल पर चौपाई, रसिया, रागनी, संगीत व नृत्य का आयोजन कर होली का पर्व मनाया जाएगा. किसान किसी भी हालात में पीछने हटने वाले नहीं है. एक न एक दिन सरकार को झूकना पड़ेगा और ये तीनों काले कानून वापस लेकर लिखिति में एमएसपी की गारंटी देनी होगी.