पलवल: अब पलवल जिले में किसान तेजी से बागवानी खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. इसको लेकर पलवल जिला बागवानी अधिकारियों ने जिले में बागवानी खेती के तहत 1,650 एकड़ में बाग लगाने का लक्ष्य रखा है. जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि जिले में किसानों को बागवानी खेती करने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है.
डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि किसानों को अमरूद, नीबू, मौसमी, किन्नू, बेर और अनार के बाग लगाने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही, ताकि किसान बागवानी कृषि की तरफ बढ़े. इस समय पलवल में 798 एकड़ में बाग लगाया जा चुका है और किसानों को बाग लगाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है.
बागवानी खेती की तरफ बढ़ता पलवल, देखें वीडियो किसानों की दोगुनी आय करना लक्ष्य
डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि पीएम मोदी का किसानों की आय दोगुना करने का जो विजन है, उसको पूरा करने के लिए किसानों को बागवानी कृषि की तरफ जागरूक किया जा रहा है और ये भी बताया जा रहा है कि कैसे किसान इस कृषि के जरिए अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. उन्होंने बताया कि किसानों को परम्परागत खेती को छोड़कर बागवानी की खेती की तरफ अग्रसर होना चाहिए.
बागवानी किसानों को दी जा रही है सब्सिडी
उन्होंने कहा कि बागवानी की खेती नकदी फसलों में गिनी जाती है. अगर किसान बागवानी की खेती करेगा तो किसानों की आर्थिक आमदनी भी बढेगी. उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग हरियाणा द्वारा पलवल जिले में 1,650 एकड़ में बाग लगाने का लक्ष्य दिया है. जिसमें 1,250 एकड़ में अमरूद, 250 एकड़ में नीबू, 125 एकड़ में बेर और 25 एकड़ में अनार के पौधे लगाए जाएंगे.
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उन्होंने बताया कि अभी तक जिले के किसानों ने 448 एकड़ में अमरूद, 200 एकड़ में नीबू, मौसमी व किन्नू और 25 एकड़ में अनार का बाग लगा दिया गया है, जबकि 100 एकड़ में बाग लगाने के लिए नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड की नर्सरी से फलदार पौधे आ चुके हैं. जिनका प्लांटेशन शीघ्र कर दिया जाएगा.
बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि सरकार की तरफ से किसानों को हर संभव मदद दी जा रही है, जिसमें सब्सिडी भी शामिल है. अमरूद का बाग लगाने पर 4,500 रूपये प्रति एकड़ का अनुदान, बेर के बाग के लिए 3,300 रूपये, नींबू का बाग लगाने के लिए 4,950 रूपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि किसानों को बाग लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है कि किसान धान और गेहूं की फसलों की बजाय बाग लगाएं.