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पलवल में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 2 हजार से ज्यादा केसों का हुआ निपटारा - पलवल की तीनों अदालतों

जिला पलवल की तीनों अदालतों, होडल और हथीन में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया (National Lok Adalat organized in Palwal) गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल के अध्यक्ष पुनीश जिंदिया के दिशा-निर्देशन और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल के सचिव कुनाल गर्ग की देखरेख में राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों के निपटान के लिए जिला न्यायालय पलवल, होडल और हथीन की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गई.

National Lok Adalat organized in Palwal
पलवल में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

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Published : May 16, 2022, 8:07 AM IST

पलवल:जिला पलवल की तीनों अदालतों, होडल और हथीन में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार रविवार को राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन किया गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल के अध्यक्ष पुनीश जिंदिया के दिशा-निर्देशन और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल के सचिव कुनाल गर्ग की देखरेख में राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों के निपटान के लिए जिला न्यायालय पलवल, होडल और हथीन की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गई.

इन लोक अदालतों में कुल 4 हजार 383 केसों में से 2 हजार 286 केसों का निपटारा किया गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीश जिंदिया ने कहा कि नालसा की आदेशानुसार केस की विभिन्न तारीखों से लोगों को छुटकारा दिलाकर एक ही दिन केस को निपटाने का प्रयास किया जाता है. वैवाहिक संबंधी मामलों की सुनवाई में लोक अदालत के दौरान आमने-सामने बैठकर आपसी मन-मुटाव को दूर करने व केस को निपटाने का प्रयास किया जाता है. कोट और हालसा व नालसा के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी राजीनाम व सहमति से केसों को निपटाने के लिए जागरूक किया जाता है.

जिन लोगों के केस अदालत में लंबित है और वे अपना केस आपसी सहमति से निपटाना चाहते (National Lok Adalat organized in Palwal) हैं. ऐसे में वह व्यक्ति अपना केस राष्ट्रीय लोक अदालत के सुनवाई करने के लिए निवेदन कर सकता है. राष्ट्रीय लोक अदालत में वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, बिजली और पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चैक बांउस, राजस्व मामले व अन्य को रखा गया.

पुनीश जिंदिया ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विवादों को सुलह और समझौते के आधार पर निपटाने के प्रयास किए गए. जिसके चलते राष्ट्रीय लोक अदालतों में पारिवारिक मामलों में 37 में से 20 मामलों को सहमति से निपटाया गया. फौजदारी के 142 मामलों में से 84 मामलों का निपटारा हुआ. चैक बाउंस के 73 में से 16 मामले आपसी सहमति से निपटाए गए. वाहन दुर्घटना के 73 मामलों में से 16 मामलों को निपटाया गया. बैंक वसूली के 1495 मामलों में से 44 मामले निपटाए गए. इसी प्रकार 169 अन्य दीवानी मामलों में से 114 मामले निपटाए गए. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट/बिजली चोरी के 1559 मामलों की भी सुनवाई की गई.

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