पलवल: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जन्म से ही विकलांग व अन्य बीमारियों से पीड़ित बच्चों का इलाज पलवल सिविल अस्पताल में नि:शुल्क किया जाएगा. सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि बच्चों के उपचार पर होने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नेशनल हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया है. इसके तहत जन्म से लेकर 18 साल तक के बच्चों में किसी भी प्रकार की बीमारी हो तो उसका पूरा उपचार कराएगी और उसे सिविल अस्पताल के जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र में भर्ती करवाया जा सकता है.
इस अस्पताल में जन्म से लेकर 18 साल तक के बच्चों का होता है मुफ्त इलाज. दिल का भी इलाज होगा मुफ्त
सिविल सर्जन ने बताया कि जिन बच्चों को दिल का इलाज करवाना है या किसी बच्चे का होठ कटा हुआ है तो उसका इलाज मुफ्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई बार देखने में आया है कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से माता पिता अपने बच्चे का इलाज नहीं करा पाते हैं. ऐसे में बच्चों के उपचार पर होने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी. इस प्रोग्राम के तहत जन्म से लेकर 18 साल तक के बच्चों का शारीरिक व मानसिक रूप से विकास करवाया जाएगा.
अभिभावक बच्चों का करा सकते हैं फ्री इलाज
बता दें कि इस योजना के तहत पिछले वर्ष 30 बच्चों के दिल का ऑपरेशन कराया गया. साथ ही ऐसे 28 बच्चों, जिनके जन्म से ही होठ कटे हुए थे, का इलाज किया गया. इसी प्रकार 4 बच्चे जो जन्म से ही गूंगे बहरे थे उनका कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी कराया गया. इसके बीमारी के इलाज में 5 लाख रुपए खर्च आता है. सिविल सर्जन ने कहा कि जिन बच्चों में जन्म से ही कोई बीमारी है तो उनके अभिभावक अपने बच्चे का नि:शुल्क इलाज करा सकते हैं.
ये भी पढ़ें: हरियाणा मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा 4 जाट चेहरों को मिली जगह, संदीप सिंह को भी बनाया गया मंत्री