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पलवल: महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मंदिरों में सुबह से ही लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता - पलवल लेटेस्ट न्यूज

पलवल शहर के ऐतिहासिक पंचवटी मंदिर में भी श्रद्धालुओं का दिन भर तांता लगा रहा. श्रद्धालुओं ने शिव लिंग पर जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक कर, बेलपत्र, धतूरा और फल-फूल चढ़ाकर पूजा अर्चना की.

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महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मंदिरों में सुबह से ही लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता

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Published : Mar 11, 2021, 3:44 PM IST

पलवल:महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. भोले के भक्तों ने महाशिवरात्रि का व्रत रखा. मंदिर भगवान शिव के जयकारों और घंटियों की मधुर ध्वनि से गुंजायमान रहे. महिलाएं सुबह से ही हाथों में बेलपत्र, फल-फूल से सजी पूजा की थाली व टोकरी और सिर पर कलश लिए घरों के नजदीक मंदिरों में पहुंची. खासकर नवविवाहिताएं सज-धज कर मंदिर पहुंची और अपने परिवार के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की.

पलवल शहर के ऐतिहासिक पंचवटी मंदिर में भी श्रद्धालुओं का दिन भर तांता लगा रहा. श्रद्धालुओं ने शिव लिंग पर जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक कर, बेलपत्र, धतूरा और फल-फूल चढ़ाकर पूजा अर्चना की. मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंची व्रतधारी महिला सुषमा ने बताया कि महाशिव रात्रि हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है.

महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मंदिरों में सुबह से ही लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता

इस दिन शिवभक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करते है. मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, बेर और भांग चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भक्तजनों को महादेव की विशेष कृपा मिलती है. आज उसने भी श्रृद्धा भाव से पूजा अर्चना की और अपने परिवार व क्षेत्र की अमन शांति की कामना की है. वहीं उन्होंने कहा कि भगवान कोरोना जैसी महामारी से देश को मुक्ति दिलाए. जिससे सभी शहरवासी व देशवासी स्वास्थ्य रहें.

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वहीं पंचवटी मंदिर के मंहत श्री कामतादास महाराज ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार शिवरात्रि के दिन बेहद खास माना जाता है. इस दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा और व्रत करते हैं. शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी पावन रात्रि को भगवान शिव ने संरक्षण और विनाश का सृजन किया था.

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मान्यता ये भी है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का शुभ विवाह संपन्न हुआ था. दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. शिवपुराण के अनुसार व्रती को प्रात: काल उठकर स्नान ध्यान कर्म से निवृत्त होने पर मस्तक पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्ष माला धारण कर शिवालय में जाकर शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं शिव को नमस्कार करना चाहिए. उसके बाद उसे श्रद्धापूर्वक व्रत का इस प्रकार संकल्प करना चाहिए.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन ज्योतिष उपाय करने से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं. महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए तभी इसका फल मिलता है.

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