पलवल: जिले की कृष्णा कॉलोनी से तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन ने कृष्णा कॉलोनी को कंटेनमेंट जोन और साथ लगती शमशाबाद कॉलोनी को बफर जोन घोषित कर दिया है. पुलिस नाकेबंदी कर लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है. पलवल में अबतक 39 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. जिनमें से 36 ठीक होकर घर लौट गए हैं.
इस संबंध में पलवल कैंप थाना प्रभारी यादराम ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर कंटेनमेंट जोन और बफर जोन एरिया में लोगों की आवाजाही बंद रहेगी. वहीं लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है.
तीन कोरोना मरीज मिलने के बाद कृष्णा कॉलोनी कंटेनमेंट जोन घोषित थाना प्रभारी यादराम ने बताया कि कॉलोनी की गलियों में नाके लगाकर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि लोगों से घरों से ना निकलने की अपील की जा रही है. केवल बहुत जरूरी काम के लिए आने वाले व्यक्ति को ही आने जाने की अनुमति रहेगी. उन्होंने बताया कि चिकित्सा, रसोई और दूध से जुड़े मामले में ही लोगों को बाहर निकलने की अनुमती है.
थाना प्रभारी ने बताया कि अनावश्यक रूप से बाहर घूमने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि अगर कोई सरकार के आदेशों का उल्लंघन करता पाया जाता है. तो उसके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
क्या है कंटेनमेंट जोन?
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन तय करने के अलग अलग नियम है. अगर किसी शहरी इलाके के कॉलोनी या मुहल्ले में कोरोना वायरस मरीज पाया जाता है. तो उस कॉलोनी या मुहल्ले से कम से कम 500 मीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाता है. प्रशासन कोरोना के खतरे को देखते हुए इसे बढ़ा भी सकता है. वहीं अगर किसी ग्रामीण इलाके में कोरोना का मरीज मिलता है, तो पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाता है. वहीं उस गांव के आसपास के सभी गावों को बफर जोन घोषित कर दिया जाता है. कंटेनमेंट जोन में लोगों को घरों से बाहर निकलने की मनाही होती है. लोग सिर्फ जरूरी काम से ही बाहर निकल सकते हैं.
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