पलवल: यूं तो देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन करवा चौथ का व्रत भी किसी बड़े त्योहार से कम नहीं है. सदियों से इस दिन विवाहिताएं अपने पति की लंबी उम्र की मनोकामना के साथ पूरे दिन का निर्जल व्रत रखती हैं. रात को चंद्रमा के दर्शन के साथ पति के दर्शन कर रस्म पूरी करने के बाद ही जल ग्रहण करती हैं.
पलवल में भी इस व्रत को लेकर विवाहिताओं में जबरदस्त उत्साह है. महिलाएं श्रृंगार के दूकानों पर मेहंदी लगवाती दिख रही हैं. विवाहितायें अपने मनपसंद डिजाइन में हाथों और पैरो पर महेंदी लगवाते नजर आती है.
पलवल में धूमधाम से मनाया जा रहा है करवा चौथ का त्योहार मेहंदी वाले के यहां मेहंदी लगवा रही मीनू बत्रा ने बताया कि महिलाएं पहले जिस उत्साह से करवा चौथ मनाती थी. इस साल भी उसी उत्साह से इस त्योहार को मना रही हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सोशल डिस्टेंस का तो ध्यान यहां रखा जा रहा है, पर कोरोना का असर इस त्यौहार पर बिलकुल भी नहीं पड़ा है.
वहीं मेंहदी लगवाने आई एक अन्य बुजुर्ग महिला निर्मल वधवा ने बताया कि अपने पति की लंबी आयु की कामना के साथ इस व्रत को रखा जाता है. उन्होंने बताया वह पिछले 53 वर्ष से इस व्रत को पुरे उत्साह से रखती हैं और हर वर्ष मेंहदी भी लगवाती हैं.
धार्मिक मान्यता से जुड़ा है करवा चौथ का त्योहार
हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार जिस प्रकार हर व्रत किसी न किसी देवता की पूजा से जूड़ा होता है. उसी प्रकार ये व्रत भी चंद्रमा और पति के पूजन से जूड़ा है. इस दिन महिलाएं पूरा दिन अन्न जल का त्याग करते हुए पुरे उत्साह से पति के जीवन की मंगल कामना करती है. महिलाएं इस दिन अपनी सज्जा पर भी विशेष ध्यान देती हैं. जिसमे खास तौर से महेंदी लगवाना,पार्लर जाना और सुन्दर वस्त्र डालना शामिल है.
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