पलवल/वाराणसी:आजमगढ़ जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के कोलपुर कुसहां गांव में सोमवार सुबह 11.15 बजे के आसपास इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (इग्रुआ) का विमान सोकाटा टीबी 20 क्रैश हो गया था. इस हादसे में पलवल निवासी ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन की मौत हो गई थी. हादसे के समय विमान को वाराणसी एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) द्वारा कंट्रोल किया जा रहा था.
एयरपोर्ट के अधिकारियों की मानें तो विमान इग्रुआ से उड़ान भरने के बाद विमान वाराणसी एयरस्पेश में आया था, उसके बाद आजमगढ़ होते हुए विमान वापस जा रहा था. एटीसी के अधिकारियों द्वारा विमान के पायलट का संपर्क बना हुआ था. इसी बीच सुबह 11.11 बजे विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया.
उस समय विमान साढ़े पांच हजार फीट ऊपर उड़ रहा था. हादसे का अंदेशा भांपते हुए एयरपोर्ट के अधिकारियों ने तत्काल आजमगढ़ जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को सूचित किया. अधिकारियों का कहना है कि हादसे के पूर्व पायलट द्वारा एटीसी को कोई संदेश नहीं दिया गया था. ऐसे में संभावना है कि विमान क्यूम्यलोनिम्बस से टकरा कर हवा में ही क्षतिग्रस्त हो गया था.
क्या होता है क्यूम्यलोनिंबस?
एविएशन के जानकारों का कहना है कि क्यूम्यलोनिम्बस को सीबी के भी नाम से जाना जाता है. ये एक प्रकार का बादल ही होता है जो आंधी तूफान, मूसलाधार वर्षा, बवंडर, आकाशीय बिजली आदि को उत्पन्न करता है. जब गर्म और नम हवाएं ऊपर की ओर गति करती हैं तो इन्हीं हवाओं से क्यूम्यलोनिम्बस बनता है. इसे विमानों के लिए काफी खतरनाक बताया जाता है. पायलट को भी सलाह दी जाती है कि क्यूम्यलोनिंबस दिखाई देने पर तत्काल एटीसी से संपर्क कर विमान का रास्ता बदल देना चाहिए.