पलवलःहरियाणा सरकार ने प्रदेश के 1057 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है. जिनमें प्राइमरी और मिडिल स्कूल दोनों शामिल हैं. ये वो स्कूल हैं जिनमें बच्चों की संख्या 25 या उससे कम है. इस आदेश के बाद प्रदेश में 314 मिडिल स्कूल बंद होंगे और 743 प्रइमरी स्कूल. जिसके लिए सरकार ने कहा है कि जो मिडिल स्कूल बंद होंगे उनके बच्चों को 3 किमी. के अंदर वाले स्कूलों में समायोजित किया जाएगा. और प्राइमरी स्कूल के बच्चों को 1 किमी के दायरे में दूसरे स्कूल में समायोजित क्या जाएगा. लेकिन क्या ये संभव है कि हर स्कूल के 1 किमी के दायरे में दूसरा स्कूल मौजूद हो. यही जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पलवल जिले के गांव गोपालगढ़ पहुंची. जहां के एक प्राइमरी स्कूल को बंद किया जा रहा है क्योंकि वहां 25 बच्चे पढ़ते हैं.
क्या बोले अभिभावक ?
जब गोपालगढ़ के प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से बात की गई तो पता चला कि यहां से सबसे पास में जीपीएस औरंगाबाद का स्कूल पड़ता है जिसकी दूरी 4-5 किमी है. ऐसे में अभिभावकों का कहना है कि उनके पास कोई साधन नहीं है अपने छोटे-छोटे बच्चों को वहां तक कैसे पहुंचाएंगे.
छात्रों ने क्या कहा ?
गोपालढ़ के प्राइमरी स्कूल के 5वीं के छात्र मानव से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उसने कहा कि वो इतनी दूर जाने के लिए तैयार नहीं हैं, यहां उन्हें अच्छी शिक्षा मिल रही है और अध्यापक भी अच्छे से पढ़ा रहे हैं साथ ही इतना लंबा सफर तय करना उनके लिए मुश्किल होगा.
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अध्यापक ने क्या कहा ?
गोपालगढ़ स्कूल के अध्यापक राज सिंह में जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पहले बच्चे काफी कम थे लेकिन हमने गांव वालों से बात की और अब हमारे यहां 25 बच्चे हैं और भविष्य में हम और संख्या बढ़ाने पर काम कर रहे हैं उम्मीद है कि और छात्र बढ़ जाएंगे. इसलिए सरकार को इस पर एक बार सोचना चाहिए क्योंकि यहां ज्यादातर गरीब बच्चे पढ़ते हैं वो इतनी दूर कैसे जा पाएंगे.