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पौधरोपण कार्यक्रम में छह घंटे देरी से पहुंचे शिक्षा मंत्री, छात्राएं दिखीं नाराज

हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने शुक्रवार को पलवल के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में पौधारोपण किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि अभी स्कूल और कॉलेज नहीं खोले जाएंगे. वहीं कैबिनेट मंत्री कार्यक्रम में देर से पहुंचे, जिस पर छात्राएं नाराज दिखीं.

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छह घंटे देरी से पलवल कार्यक्रम में पहुंचे वन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर

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Published : Aug 14, 2020, 6:45 PM IST

पलवल: हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने शुक्रवार को जिले के डॉ. भीम राव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय, सरस्वती महिला महाविद्यालय और खेल स्टेडियम पृथला के प्रांगण में पौधारोपण किया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोरोना को देखते हुए अभी स्कूल, कॉलेज नहीं खोले जाएंगे. इस पौधारोपण कार्यक्रम में मंत्री कंवर पाल गुर्जर छह घंटे देरी से पहुंचे. जिसके चलते मंत्री की अगुवाई करने के लिए खड़ी एनसीसी की छात्राएं नाराज दिखीं.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा वन विभाग के माध्यम से वर्ष 2020-21 के दौरान वृक्षारोपण के लिए 1.25 करोड़ पौधों का लक्ष्य रखा है. वन विभाग ने वृक्षारोपण के लिए राज्य में 1126 गांवों का चयन किया है. पहले वर्ष में प्रत्येक जिले के 50-50 गांवों को वृक्षारोपण के लिए चुना गया है. इस अभियान के तहत आम ,जामुन, हरड़, बहेड़ा, आंवला, नीम, सुहंजना, बेल पत्थर, तुलसी सहित क्षेत्र की जलवायु के अनुसार पौधे लगाए जाएंगे.

छह घंटे देरी से पलवल कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, छात्र हुए नाराज

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सरकार का भी यह प्रयास है कि व्यवसायिक भूमि में हरियाली बनाए रखने के लिए फलदार व छायादार पेड़ लगाए जाए. उन्होंने ग्राम पंचायतों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए उनका वृक्षारोपण में भागीदार बनना अति आवश्यक है. कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार का मन है की दसवीं से बारहवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएं, लेकिन जब तक कोई गाइडलाइन नहीं आती स्कूल नहीं खोले जायेंगे.

वहीं इस अवसर पर वन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर काफी देरी से पहुंचे. एनसीसी टीम की अगुवाई कर रही एक छात्रा ने बताया कि उन्हें दस बजे ही बुला लिया गया, लेकिन मंत्री 4 बजे पहुंचे. हमें सुबह से ही पांच मिनट में आने का आश्वासन मिलता रहा. पांच-पांच मिनट करते-करते शाम हो गई. छात्राओं ने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री को चार बजे आना था तो हमें भी बता देते. हम उसी समय आ जाते.

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