पलवल: पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से अब मैदानी इलाकों में बाढ़ आ चुकी है. पलवल जिले में यमुना नदी पूरे उफान पर है. यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर की वजह से यमुना नदी का पानी साथ लगते हुए गांवों में घुस चुका है. जिसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को घरों को खाली करने के आदेश जारी किए हैं. प्रशासन के द्वारा जारी आदेश का इंदिरा नगर के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.
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पलवल में बारिश और बाढ़ से तबाही: देश और प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से कई जिलों में बाढ़ आ चुकी है, जिसकी वजह से लोग काफी परेशान हैं. वहीं, पलवल जिले में यमुना नदी पूरे उफान पर हैं. यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसको लेकर यमुना नदी के साथ-साथ सटे गांवों में यमुना नदी का पानी घुस चुका है. लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से किसानों की धान की फसल, सब्जी और पशु चारे की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. आलम यह है कि ग्रामीण पूरी तरह से भुखमरी के कगार पर हैं. पलवल जिले के दर्जनभर गावों में अब यमुना नदी का पानी घुस चुका है. पलवल जिले के इंदिरा नगर और मोहबलीपुर गांव में सबसे ज्यादा पानी घुसा है.
पलवल जिले में कई गांवों में घुसा यमुना नदी का पानी. इन गांवों में यमुना का पानी चारों तरफ से घुस चुका है, जिसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा गांव में पानी को रोकने के लिए मिट्टी के बोरे भरकर नीचे स्थानों पर लगाया जा रहा है. ताकि गांवों में पानी को घुसने से रोका जा सके, लेकिन उसके बाद भी यमुना का पानी गांव में घुस चुका है. ऐसे में प्रशासन द्वारा इंदिरा नगर और मोहबलीपुर के गांवों के लोगों को घरों को खाली कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इन दोनों गांवों में उपमंडल अधिकारी शशि वसुंधरा ने मौके पर पहुंचकर गांव के महिला पुरुषों को गांवों को खाली कराने के निर्देश दिए.
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पलवल जिले में कई गांव बाढ़ प्रभावित: उपमंडल अधिकारी ने ग्रामीणों से कहा कि यमुना नदी में हथिनीकुंड बैराज से काफी मात्रा में पानी छोड़ा गया है. यह पानी गांव में घरों में कई फीट तक घुस जाएगा. इसलिए सभी लोग अपने-अपने घरों को खाली कर दें. उन्होंने लोगों से कहा कि, वह अपने पशुओं के साथ गांव अछेजा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे. जहां पर सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन की तरफ से खाने, रहने और पशु चारे के इंतजाम किए हुए हैं. एसडीएम ने बताया कि, यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसकी वजह से किसानों की धान, सब्जी की व पशु चारे की फसलें नष्ट हो चुकी है. किसानों को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि फिलहाल यमुना नदी से लगते हुए गांव में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के प्रबंध किए जा रहे हैं. जहां उनके रहने और खाने-पीने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. फिलहाल दो गांवों को खाली कराया जा रहा है.
पलवल में बारिश और बाढ़ से तबाही बाढ़ प्रभावित गांवों को खाली करने के आदेश: वहीं, गांव इंदिरा नगर के ग्रामीणों ने कहा कि, जब-जब बाढ़ आती है प्रशासन द्वारा उनके लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि, जब से यहां गांव बसे हैं, उनके लिए आज तक कोई भी पक्के रास्ते नहीं है. स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चे घरों में कैद हैं. क्योंकि, यमुना का पानी उनके गांव के चारों तरफ फैल चुका है. ग्रामीणों ने बताया कि उनका पशु चारा, धान की फसल, सब्जी की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. आज वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा और सरकार द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की गई है.
ग्रामीणों ने गांव खाली करने से किया इनकार: ग्रामीणों का कहना है कि, हर बार उनको केवल नेताओं द्वारा अधिकारियों द्वारा आश्वासन मिलता है. लेकिन, कहीं पर भी बाढ़ से बचाव के लिए कोई काम नहीं किए जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि, वह अपनी बहन बेटियों को लेकर दूसरे गांव में कैसे रहेंगे. केवल सब्जी पूड़ी खाने से कैसे गुजारा होगा. उनके लिए आज तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं. यह समस्या उनके सामने हर साल आती है. गांव के चारों तरफ कोई बांध नहीं बनाए गए, ताकि गांव में पानी प्रवेश ना कर सके. ग्रामीणों ने कहा कि, वह अपने घरों को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. चाहे पुलिस बल का प्रयोग करे, लेकिन वह अपने घरों को छोड़कर नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि, वह मरने तक के लिए तैयार हैं. क्योंकि जिला प्रशासन और सरकार द्वारा बाढ़ से बचाव के लिए हर साल कोई इंतजाम नहीं किए जाते हैं. हर बार उनके साथ यही होता है.