पलवल: अपराध जांच शाखा पुलिस ने 6 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. ये ठग गरीब और अनपढ़ लोगों को पैसों का लालच देकर उनसे बैंक खाते लेते थे और बाद में बरोजगार युवाओं को नौकरी देने की बात कहकर उनसे पैसे की ठगी करते थे. सभी आरोपी पिछले दो सालों में करीब 750 लोगों को चुना लगाकर एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं.
6 साइबर ठग गिरफ्तार
सीआईए इंचार्ज अशोक कुमार ने बताया कि फरीदाबाद के रहने वाले इस्ताक ने गदपुरी थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि इरसाद नाम के शख्स ने अपने कुछ रुपये आने की बात कहकर उससे बैंक खाता लिया था और खाते में फर्जी तरीके से रुपये डलवाए थे. पीड़ित के खाते में एक सप्ताह के अंदर एक लाख 80 हजार रुपये का लेन-देन किया गया.
बेरोजगार लोगों को बनाते थे निशाना
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू की तो पाया गया आरोपी इरसाद ऐजेंट के रुप में काम करता है जो कि झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले गरीब व अनपढ़ लोगों को पांच-छह हजार रुपये का लालच देकर उनसे खाता ले लेता और उसी खाते को 35 हजार रुपये में साइबर ठगों को बेच देता था.
पलवल पुलिस ने छह साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, देखें वीडियो ठगों को पकड़ने के लिए बनाई गई थी टीम
इसके बाद सीआईए इंचार्ज ने ठगों की धरपकड़ करने के लिए एक टीम का गठन किया. इस टीम में एएआई अभय सैनी, सुरेश कुमार, सिपाही नरेंद्र सोलंकी, कपिल, राकेश, रविंद्र, नीरज, हेमचंद व चालक महेश को शामिल किया गया. टीम ने पीड़ित इस्ताक की मदद से बदपुर बॉडर के समीप 6 लोगों को गिरफ्तार किया. सभी 6 ठगों की पहचान हो गई है. इनमें पुलिस ने विवेक नाम के आरोपी जो यूपी का रहने वाला है. दूसरे आरोपी अजय कुमार है जो दिल्ली के सागरपुर का रहने वाला है.
सभी आरोपियों की हुई पहचान
तीसरे आरोपी का नाम विजय है जो दिल्ली के शकुरपुर का है, वहीं चौथे आरोपी का नाम विशाल है जो नई दिल्ली में ही रहता है. इसके अलावा पुलिस ने हिमांशू और नीतिन नाम के आरोपियों की गिरफ्तारी की है. सभी आरोपी अलग-अलग प्रकार की भाषा बोलने व समझने में एक्सपर्ट हैं. आरोपियों में राजा चौधरी उर्फ विवेक गिरोह का सरगना है जबकि नीतिन वोडाफोन कंपनी का प्रमोटर है जो फर्जी सिम कार्ड एक हजार रुपये में उपलब्ध कराता था.
ऐसे करते थे ठगी
आरोपियों ने दिल्ली के संतनगर ईस्ट ऑफ कैलाश में फर्जी कॉल सैंटर खोला हुआ था. सबसे पहले आरोपी साइन डॉट कॉम साइट के पोर्टल को 47 हजार रुपये में 3 महीने के लिए खरीदते है. क्योंकि इस साइट पर बेरोजगार व्यक्ति जॉब के लिए ऐप्लाई करते थेॉ. आरोपियों को खरीदी हुई साइट से उन बरोजगार लोगों का डाटा मिल जाता था. उसके बाद आरोपी फर्जी सिम से उन बेरोजगार लोगों को कॉल करते और उन्हें नौकरी का झांसा देकर 1,500 रुपये में रजिस्ट्रेशन करवाते थे.
दक्षिण भारत के लोगों को बनाते थे निशाना
आरोपी अधिकतर दक्षिण भारत के राज्य के रहने वाले लोगों को अपनी शिकार बनाते थे. क्योंकि ये लोग दिल्ली से काफी दूर रहते थे. उसके बाद फर्जी मेल बनाकर टेस्ट लेते और उसके बाद उन्हें ड्रेस उपलब्ध करवाने की एवज में दस से 20 हजार रुपये जमा करवाते थे. इसी प्रकार आरोपियों ने पिछले दो सालों में लगभग 750 लोगों को चपत लगाकर एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं.
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शुरूआती पूछताछ में आरोपियों से 11 खातों का खुलासा हुआ है साथ ही उनके कब्जे से चार लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं. गहन पूछताछ के लिए आरोपियों को पुलिस द्वारा अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया हुआ है.