चंडीगढ़: कोरोना की दूसरी लहर हरियाणा पर आफत बनकर टूटी है. शहरी क्षेत्र के बाद गांवों में भी हालात भयावह हैं. ईटीवी भारत ने हर जिले के उन गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है जहां कोरोना से हालात बद से बदतर हो चुके हैं. सबसे पहले बात भिवानी के मुंढाल गांव की. यहां पिछले 8 दिन में 31 लोगों की मौत से लोगों में डर का माहौल है. हैरानी की बात ये है कि ज्यादातर लोगों ने कोरोना का टेस्ट तक नहीं करवाया है. अब बिगड़ते हालात को देखते हुए गांव पंचायत ने अपने स्तर पर पांच दिन का लॉकडाउन लगाया है. साथ ही प्रशासन से लेटर लिखकर मदद की गुहार लगाई है.
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भिवानी के मुंढाल गांव में भयावह होता कोरोना!
इस मामले में डीएसपी वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि मुंढाल गांव में अब तक ना तो ग्रामीणों ने कोरोना टेस्ट करवाया है और ना ही वहां पर लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है. जिसकी वजह से ये स्थिति पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि जितनी मौतें हुई हैं, वो सभी कोरोना महामारी के चलते हुई हैं. प्रशासन की तरफ से अब यहां घर-घर थर्मल स्क्रिनिंग और कोरोना टेस्ट किया जाएगा. इसके साथ पूरे गांव को सैनिजाइज किया जाएगा.
अब बात करते हैं हिसार की, जिले में 303 गांव है. मतलब ये कि जिले की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में ही रहती है. इसके बावजूद ना तो गांवों में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा है और ना ही वैक्सीनेशन की. नतीजा ये कि दर्जन भर गांवों में 50 से ज्यादा लोग बुखार, खांसी, जुकाम से पीड़ित हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
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केमरी गांव के स्थानीय निवासी धर्मपाल ने कहा कि गांव में ना तो कोरोना टेस्टिंग की कोई व्यवस्था है और ना ही वैक्सीनेशन की. टेस्टिंग की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ज्यादातर लोगों को तो कोरना टेस्ट भी नहीं हुआ है. जिसकी वजह से ये बताना मुश्किल है कि सभी की मौत कोरोना से हुई है या नहीं. हां इतनी जरूर है कि गांव के ज्यादातर लोगों को खांसी, जुकाम और बुखार है.
केमरी गांव के सरपंच भरत सिंह ने कहा कि गांव में कोरोना टेस्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. हाल ही में गांव में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दौरा किया है. जल्द ही ग्रामीणों को मेडिकल ट्रिटमेंट मिलना शुरू हो जाएगा.
भिवानी के दीघोट गांव में फैला संक्रमण
सिर्फ भिवानी और हिसार ही नहीं पलवल जिले के दीघोट गांव में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है. एक महीने में यहां 15 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं. गांव में लगभग 60 प्रतिशत लोग खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं. ना तो गांव में वैक्सीनेश की व्यवस्था है और ना ही टेस्टिंग की. हालांकि यहां सैनिटाइजेशन का काम जरूर किया जा रहा है.