नूंह: प्रदेश में सबसे ज्यादा मलेरिया के मामले नूंह जिले में हैं, इसलिए इस जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व मलेरिया दिवस को लेकर खास तैयारियां की है. जिला अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि इस जिले में 15 सार्वजनिक स्थानों जिनमें सीएमओ, डीसी, सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा के भवनों पर मलेरिया को लेकर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों में लोगों को मलेरिया के लक्षण और उसकी रोकथाम के बारे में जागरूक करने की कोशिश की गई है.
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डिप्टी सिविल सर्जन अरविंद कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अपील पर 4 हजार पंपलेट लोगों को वितरित किए गए हैं. इन पंपलेटों में मलेरिया के लक्षण और बचाव को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि विश्व मलेरिया दिवस को देखते हुए और उजीना पीएचसी के अंतर्गत आने वाले 20-20 घरों को सांकेतिक तौर पर स्प्रे के लिए चुना गया है.
वैसे मलेरिया का सीजन आगामी 1 मई से शुरू होगा. उन्होंने बताया कि मलेरिया को रोकने के लिए नूंह के सभी वाटर बॉडीज में काला तेल डाला जा रहा है. गलियों-नालियों में टेमिफोर्स नामक दवाई डाली जा रही है. उनके अलावा मलेरिया को लेकर डीसी पंकज की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक भी हुई है, जिनमें मलेरिया सीजन में निपटने की रणनीति बनाई गई.