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मुंह-खुर और गलघोटू की रोकथाम के लिए प्रशासन सतर्क, 2 लाख पशुओं को लगेंगे टीके

हरियाणा सरकार द्वारा पशुओं में मुंह-खुर और गलघोटू बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण किया जाएगा. पहले चरण के टीके अप्रैल महीने में लग चुके हैं, योजना के अनुसार अब दूसरे चरण में 2 लाख पशुओं का टीकाकरण होगा.

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Published : Sep 27, 2019, 5:29 PM IST

पशुओं में मुंहखुर और गलघोटू

नूंह:पशुओं में मुंह-खुर (बांग) और गलघोटू बीमारी की रोकथाम को लेकर पशुपालन विभाग टीकाकरण का दूसरा चरण 2 अक्टूबर से करने जा रहा है. विभाग के दूसरे चरण में जिले के करीब 2 लाख पशुओं (गाय और भैंस) का टीकाकरण किया जाएगा. टीकाकरण अभियान को लेकर विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है.

पहले चरण में हुआ 60 लाख पशुओं का टीकाकरण
विभाग की गठित टीमें गांव-गांव जाकर सभी पशुपालकों के घर पशुओं का निशुल्क टीकाकरण करेंगी. नूंह पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. नरेंद्र ने कहा कि हरियाणा सरकार की पहल पर देश में पहली बार संयुक्त टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का प्रथम चरण अप्रैल महीने में शुरू किया गया. जिसके तहत प्रदेश में 60 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया.

जानें क्यों करीब 2 लाख पशुओं का होगा टीकाकरण

मुंह-खुर और गलघोटू की रोकथाम के लिए लगेंगे टीके
उन्होंने कहा कि साल में दो बार टीकाकरण अभियान चलाया जाता है. हर छह महीने में मुंहखुर और गलघोटू रोग की रोकथाम के लिए टीके लगाए जाते हैं. मुंह-खुर और गलघोटू रोग पशुओं के लिए खतरनाक बीमारी है. इस बीमारी से पशुओं के मुंह और खुर में छाले पड़ जाते हैं और पशु को खाने और चलने में दिक्कत होती है.

जबकि गलघोटू रोग में पशुओं को तेज बुखार, गले में सूजन, सांस लेने में दिक्कत आदि परेशानी होती है. इन बीमारी की अनदेखी के चलते कई बार पशुओं की मृत्यु हो जाती है. उन्होंने कहा कि ये टीका चार महीने से कम उम्र के पशु और सात महीने के गर्भाधान पशुओं को नहीं लगता.

एफएमडी प्लस एचएस संयुक्त वैक्सीन नामक टीका इन बीमारियों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है. इस टीके को 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाता है. जिसके चलते सभी ब्लॉक स्तरीय पशु अस्पतालों में 24 घंटे बिजली के लिए जनरेटर की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण से पशुओं के दूध उत्पादकता और प्रजनन क्रिया पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.

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