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देखिए कैसे कम लागत में बना अर्थ वॉटर एटीएम सिस्टम, जो खारे पानी को करता है मीठा - छपेड़ा गांव

छपेड़ा गांव के किसान स्वर्ण सिंह ने एक नया अविष्कार किया है अर्थ वॉटर सिस्टम जो बहुत ही कम लागत में तैयार किया गया यंत्र है. ये खारे पानी को मीठा कर देता है.

अर्थ वॉटर एटीएम सिस्टम

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Published : Jul 21, 2019, 7:14 PM IST

नूंह:तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर आपने वैज्ञानिक बनते बहुत से लोगों को देखा होगा. लेकिन आज ईटीवी भारत की टीम पहुंची छपेड़ा गांव के किसान स्वर्ण सिंह के पास जो महज 10वीं पास हैं और डेढ़ दशक में 10 से 15 उपकरणों का शोध कर चुके हैं.

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कम लागत में तैयार किया यंत्र
किसान परिवार के स्वर्ण सिंह ने उस वक्त सुर्खियां बंटोरी जब उन्होंने इंजन का चौकीदार बनाया और अब इन्होंने कुछ दिनों पहले एक ऐसा यंत्र तैयार किया है जो कम लागत में खारे पानी को मीठा कर देता है. उसका नाम है अर्थ वॉटर एटीएम सिस्टम.

अर्थ वॉटर सिस्टम की खासियत:

  • अर्थ वॉटर एटीएम सिस्टम खारे पानी को मीठा करने का यंत्र है
  • मामूली से खर्च में ये यंत्र घर में मीठा पानी देता है
  • जहां से वॉटर लेवल शुरू होता है, ये मोटर वहां लगता है
  • दुनिया की यह पहली मोटर है, जो वाटर लेवल शुरू होने पर लगती है
  • हैंडपम्प, सबमर्सिबल मोटर काफी नीचे लगाई जाती हैं
  • ये मोटर दिन भर में धीरे-धीरे हजारों लीटर पानी दे सकती है
  • हर पांच सेकेंड के गैप में ये पानी देती है
  • ये मोटर गर्मी में ठंडा और ठंड में गर्म पानी धरती से निकलकर देगी
  • ड्रिप सिस्टम में भी खेती करने वाले किसान भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं
  • पतली नली से रुक-रुक कर पानी आता रहता है
  • नमक को एक तरफ करके ये मीठा पानी देता है
  • पानी की बर्बादी को रोकने में यह यंत्र सबसे ज्यादा कारगर है

अभी तक नहीं मिली कोई आर्थिक सहायता
इस पूरे शोध में स्वर्ण सिंह के भाई पृथ्वी सिंह भी उनका पूरा साथ देते हैं और भाई के साथ मिलकर नए-नए अविष्कार करते हैं. लेकिन इन्हें खेद है तो इस बात का कि अभी इन्हें सरकार कि तरफ से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली कि ये इसका लाभ और लोगों तक पहुंचा सके.

सरकारी नुमाइंदों ने भी स्वर्ण सिंह की तारीफ की
राज्य सरकार का कोई भी नुमाइंदा इस गांव में आता है तो स्वर्ण सिंह के अविष्कार को देखकर उसकी सराहना किए बिना नहीं थकता लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि सरकार कि नजर कब इस किसान पर पड़ती है और उसे आर्थिक मदद मिल पाती है.

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