नूंह: जिले की आंगनवाड़ी वर्कर्स इन दिनों पोषण ट्रैकर एप (protest to nutrition tracker app in Nuh) से परेशान हैं. विभाग द्वारा पोषण ट्रैकर एप के उपयोग का दबाव बनाया जा रहा है जबकि वर्कर्स को इसका प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया है. आंगनवाड़ी वर्कर्स से जुड़ी नेताओं का आरोप है कि विभाग ने इसके लिए मोबाइल फोन भी नहीं दिए हैं. अधिकांश महिलाओं की उम्र ज्यादा है और वे कम पढ़ी लिखी हैं. इस कारण वे ऑनलाइन काम नहीं कर सकती. यूनियन की ओर से इस संबंध में अतिरिक्त उपायुक्त नूंह के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया.
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हरियाणा बाल विकास एवं आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन (Anganwadi Workers Union Nuh) से जुड़ी वर्कर्स ने बुधवार को नूंह के लघु सचिवालय परिसर (Mini Secretariat Complex Nuh) में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान राज्य प्रधान छोटा गहलावत भी नूंह पहुंची. आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन से जुड़ी नेताओं ने कहा कि उन्हें 6 वर्ष तक के बच्चे तथा गर्भवती महिलाओं का कामकाज दिया जाता है. इस कार्य को ऑनलाइन करने के लिए विभाग ने पोषण ट्रैकर एप शुरू किया है. लेकिन आंगनवाड़ी वर्कर्स को मोबाइल फोन नहीं दिए गए हैं. बिना प्रशिक्षण के महिलाएं इस ऐप को चलाने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. बावजूद इसके विभाग के अधिकारी इस ऐप से काम करने का दबाव बना रहे हैं.
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आंगनवाड़ी वर्कर्स ने कहा कि बिना सुविधाओं के वे इस तरह की ऐप से ऑनलाइन कामकाज नहीं कर सकती. इस दौरान वर्कर्स ने अपनी पेंडिंग मांगों पर भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. वर्कर्स ने बताया कि उन पर बूथ लेवल ऑफिसर का काम करने का दबाव भी बनाया जा रहा है. गैस सिलेंडर-ईंधन इत्यादि का खर्च पिछले 4 वर्ष से नहीं दिया गया है. समय पर राशन की सप्लाई नहीं दी जाती है. ऐसी समस्याओं से प्रदेश भर की आंगनवाड़ी वर्कर्स परेशान हैं. लेकिन नूंह जिले में वर्कर्स सबसे ज्यादा परेशान हैं. यूनियन ने आंगनवाड़ी वर्कर्स पर अनुचित दबाव बनाने का विरोध किया.