नूंह:नूंह की खूनी सड़क पर आए दिन कोई ना कोेई हादसा होने की खबर सामने आ ही जाती है. देखा जाए तो दिल्ली-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए पर रोजाना हादसे का शिकार होने से औसतन दो लोगों की मौत हो ही जाती है. इन हादसों से आक्रोशित मेवात के सैकड़ों लोगों ने बुधवार को बड़कली चौक से जिला मुख्यालय नूंह तक 20 किलोमीटर की पदयात्रा (foot march for widening National Highway in Nuh) निकाली. जिसके बाद लघु सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त अजय कुमार के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी के नाम राजमार्ग को चार लेन करने की मांग का ज्ञापन सौंपा.
इसके अलावा नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद और फिरोजपुर झिरका विधायक मामन खान इंजीनियर ने भी पैदल मार्च कर रहे युवाओं को समर्थन दिया और भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को घेरा. बता दें कि दिल्ली-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए (Delhi Alwar National Highway Nuh) जिले का सबसे व्यस्ततम मार्ग है. इस मार्ग पर वाहनों की संख्या अधिक है, लेकिन सड़क उसके हिसाब से उतनी चौड़ी नहीं है. इसी वजह से इस सड़क पर रोजाना तकरीबन 2 लोगों की मौत हो जाती है.
नूंह की खूनी सड़क के चौड़ीकरण के लिए लोगों की पदयात्रा खूनी सड़क दिया नाम- इस सड़क को हादसों की वजह से पिछले कई सालों से लोगों ने खूनी सड़क का नाम दिया है. साथ ही सड़क पर बनी पुलिया पर खूनी सड़क का बोर्ड भी लिखवाया गया है. जिले के लोग लगातार इस मांग को उठाते आ रहे हैं. हालांकि बीते साल उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बड़कली चौक पर जनसभा में नूंह शहर से राजस्थान सीमा तक इस मार्ग को फोर लेन बनाने का ऐलान भी किया था, लेकिन इस पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया.
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अगर आंकड़ों की बात करें तो साल भर में इस सड़क पर 700 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, तो वहीं इस संख्या से ज्यादा लोग इस सड़क पर हादसे का शिकार होकर अपाहिज हो चुके है. इन लगातार बढ़ते हादसों से चिंतित समाजसेवियों ने सड़क को फोर लेन करने की मांग को लेकर पदयात्रा निकाली. जिससे खराब मौसम और कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी सकुशल लोग अपने गंतव्य तक पहुंच सके.
इसी रोड पर ट्रॉला और थ्री व्हीलर की भिड़ंत में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई थी नूंह की खूनी सड़क पर हादसे-इस खूनी सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते है. जिसमें कई लोगों ने अपना परिवार खो दिया, तो किसी ने घर का चिराग. खूनी सड़क के साथ-साथ ये सड़क मातम की सड़क भी बनती जा रही है. ताजा मामले की बात करें तो मालब गांव के पास सड़क किनारे खड़े दंपति को एक कंटेनर ने टक्कर मार दी थी. जिससे मौके पर ही दोनों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक वर्षीय बच्चा घायल हो गया. वहीं इससे पहले डंपर की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत हो गई थी, तो तकरीबन 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसके बाद भीड़ ने राजमार्ग को जाम भी कर दिया था. इसके अलावा नांगल मुबारकपुर गांव के पास ट्रैक्टर और बाइक की भिड़ंत में बाइक पर सवार युवक की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी. ये बड़े हादसे इसी साल के शुरूआत में हुए है.
डंपर की चपेट में आने से हुई थी दो की मौत ये भी पढ़ें-नूंह सड़क हादसे में मृतकों की संख्या हुई 6, सभी एक ही परिवार से, मरने वालों में तीन गर्भवती
वहीं अगर पिछले साल के बड़े हादसों की बात की जाए, तो बीते साल नवंबर में मालब गांव में स्थित पेट्रोल पंप के पास ट्रॉला और थ्री व्हीलर की भिड़ंत में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई थी. जिनमें 4 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल थे. इसके अलावा आकेड़ा चौकी पर दिसंबर में किसी अज्ञात डंपर चालक द्वारा थ्री व्हीलर को टक्कर मार दी. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, तो वहीं 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग-248ए पर मंढ़ी गांव के अक्टूबर 2021 में एक ट्रक ने बाइक सवार दो सगे भाइयों को टक्कर मार दी. जिसमें एक युवक की टायर में फंसने से दर्दनाक मौत हो गई, तो वहीं दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया.
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