नूंह: राजस्थान सरकार ने पहलू खान और उसके बेटे के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से मवेशी ले जाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट की सूचना के बाद से ही देश के तमाम लोग और खास कर पहलू के परिवार के लोग हैरान ने.
40 दिन में ही चार्जशीट होनी चाहिए, अब क्यों?
पहलू खान के बेटे इरशाद, आरिफ एवं घटना के दौरान चश्मदीद रहे लोगों का कहना है कि, चार्जशीट केस के करीब 40 दिन बाद दाखिल हो जाती है, लेकिन अब कई साल बाद राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट पेश की, जिसमें हमें दोषी करार दिया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की सरकार हो, लेकिन सभी सरकारें एक जैसी हैं. इरशाद बोले कि अगर ये दिन देखने से पहले वे अपने पिता के साथ मारे जाते तो कम से कम इतनी परेशानी और जिल्लत नहीं झेलनी पड़ती.
ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने की पहलू खान के परिवार से बातचीत, देखिए रिपोर्ट
क्या था मामला?
पहलू खान की 1 अप्रैल 2017 को कुछ कथित गोरक्षकों ने जमकर पिटाई कर दी थी जिसके 3 दिन बाद उनकी मौत हो गई थी. ये घटना उस समय हुई थी जब वो जयपुर से मवेशी खरीदकर पिकअप गाड़ी से हरियाणा के नुंह अपने घर जा रहे थे. तथाकथित गौरक्षकों ने सभी को बुरी तरह पीटा और गायों को छीन लिया था. पिटाई में लगी चोटों की वजह से अधेड़ उम्र के पहलू खान तो दम चुके थे, जबकि इरशाद और आरिफ दोनों बेटों के अलावा गांव जयसिंहपुर के आजम तमाम पीड़ितों को भी गंभीर चोटें आई थी. देशभर में घटना की निंदा हुई और काफी दिनों तक सदन से सड़क तक प्रदर्शन हुए. आखिरकार एक बार फिर पहलू घटना ने एक नया मोड़ ले लिया है. जिससे परिवार के लोग भयभीत हैं.
पुलिस ने इस मामले में दो FIR दर्ज की थी. एक FIR पहलू खान की हत्या के मामले में 8 लोगों के खिलाफ और दूसरी बिना कलेक्टर की अनुमति के मवेशी ले जाने पर पहलू और उसके परिवार के खिलाफ हुई थी. पहलू खान की मौत हो चुकी है ऐसे में उनके खिलाफ तो केस बंद हो जाएगा, लेकिन उनके बेटों के खिलाफ केस चलेगा.