मेवात: हुनर किसी डिग्री का मोहताज नहीं होता है. आपने तकनीकी शिक्षा और बहुत अच्छी पढ़ाई करने वाले बहुत से वैज्ञानिकों के नाम सुने होंगे, लेकिन मेवात के छपेड़ा में गांव में एक ऐसे वैज्ञानिक रहते हैं, जिन्होंने केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. लेकिन उनके हौसले आसमान को छूने वाले हैं. उन्होंने पानी बचाने के लिए एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जो बिना बिजली के चलती है. इससे बिजली और पानी दोनों की बचत होती है.
स्वर्ण सिहं का जन्म 1967 में मेवात के गांव छपेड़ा में हुआ था. स्वर्ण सिंह को इंजन का चौकीदार भी कहा जाता है. पिछले डेढ़ दशक में स्वर्ण सिंह करीब 15 उपकरणों पर शोध कर चुके हैं. स्वर्ण सिंह को मैकेनिकल वाटर ओवर फ्लो कंट्रोल सिस्टम के लिए भी काफी सराहा जा रहा है. कई अधिकारी और सरकार ने भी स्वर्ण सिंह की कई बार तारीफ की है.