नूंह: मेवात में स्थित 350 साल पुराना सेठ चुहीमल तालाब को अब दोबारा से अपनी पहचान मिलने जा रही है. प्रशासन और सरकार की अनदेखी के चलते सेठ चुहीमल तालाब की हालात बद से बदत्तर हो गई है. पर्यटकों का आना भी बंद हो गया.
सेठ चुहीमल तालाब में फिर दिखेगी रौनक
ऐसा नहीं है कि इस चुहीमल तालाब को देखने कोई आ नहीं रहा है. इक्का दुक्का पर्यटक पहुंच रहे हैं और वे इसकी कलाकृति को देखकर हैरान है. पर्यटकों ने बताया इस सेठ चुहीमल तालाब की कारीगरी बड़े अनोखे तरीके से बनाई गई थी, लेकिन अनदेखी और रखरखाव अभाव में चुहीमल तलाब अपने अस्तित्व को खोता चला गया. या यूं कहे कि तालाब की सूरत बदलना सरकार भूल सी गई हो.
ये है इस तालाब की खासियत
बता दें कि यहां एक गुबंद के अंदर जो गुफा है वो सैकड़ों मीटर दूर से सेठ चुहीमल के महल तक जाती है. सेठ चुहीमल आज से सैकड़ों साल पहले इस इलाके के काफी अमीर व्यक्ति थे. तालाब और गुबंद के साथ-साथ गुफा को आरामगाह के लिए बनाया था. तालाब में स्नान करने के लिए गुफा से जाते थे और स्नान के बाद गुबंद की छतरी पर धूप सकते थे. घर की महिलाएं भी इसी गुफा से पर्दा प्रथा की वजह से स्नान करने आती-जाती थी. इस तालाब की खास बात ये है कि ये पिछले साढे तीनों सालों से कभी सुखा नहीं है.