नूंह: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के NRC पर दिए बयान से चुनावी फिजाओं का रुख बदल गया है. चुनाव से पहले अब चर्चा इस बात पर होने लगी है कि क्या हरियाणा में भी एनआरसी या उससे जुड़ा कोई कानून लागू होना चाहिए ? वैसे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीएम के इस बयान का बिना शर्त समर्थन किया है. वहीं दूसरी तरफ पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला के इस मुद्दे पर बगावती सुर देखने को मिले हैं.
जब बात हरियाणा में NRC लागू करने की हो रही हो तो सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि अगर NRC हरियाणा में लागू होता है. तो इससे सबसे ज्यादा असर किन बाहरी लोगों पर पड़ेगा ?
हरियाणा में NRC लागू होने पर क्या होगा ?
- भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान हैं
- हरियाणा के कई जिलों में रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं
- फरीदाबाद, नूंह, मेवात और पलवल में सबसे ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान हैं
- NRC हरियाणा में लागू हुआ तो इन रोहिंग्या मुसलमानों के लिए मुश्किल होगी
- NRC लागू होने पर रोहिंग्या मुसलमानों को हरियाणा छोड़ना पड़ेगा
जानिए एनआरसी पर क्या कहना है नूंह में रह रहे रोहिंग्याओं का?
400 रोहिंग्या परिवारों का घर है नूंह
अगर हरियाणा में असम की तर्ज पर एनआरसी लागू किया गया तो इसका सबसे ज्यादा असर नूंह जिले में देखने को मिलेगा. यहां करीब 400 रोहिंग्या परिवार हैं जो म्यंमार छोड़कर हरियाणा में बस गए थे. ये सभी रोहिंग्या परिवार नूंह के बस अड्डे के पास, शाहपुर नंगली गांव, चंदेनी गांव और फिरोजपुर नमक गांव में रह रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने नूंह में रह रहे रोहिंग्या परिवारों से भी बात की.
हमें नहीं चाहिए भारत की नागरिकता-रोहिंग्या
हरियाणा में एनआरसी लागू होने की बात सभी रोहिंग्या डर गए हैं. इन लोगों का साफ कहना है कि वो भी अपने वतन लौटना चाहते हैं, लेकिन जब तक उनके देश म्यांमार में हालात ठीक नहीं हो जाते उन्हें यहीं रहने दिया जाए.
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NRC ने बदली सियासी हवाएं
NRC हरियाणा में लागू होगा या नहीं ये तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन सीएम के इस बयान से ये तो साफ है कि बीजेपी एक बार फिर लोकसभा चुनाव की तर्ज पर विधानसभा चुनाव को भी नेशनलाइज करना चाहती है. जिस तरह से कश्मीर, एयरस्ट्राइक और राष्ट्रवाद का मुद्दा लोकसभा चुनाव में गूंजा था. उसी तरह इस बार का विधानसभा चुनाव भी क्षेत्रीय मुद्दों से उलट राष्ट्रीय मुद्दों पर ही लड़ा जाएगा और इसके साथ ही हरियाणा में रह रहे रोहिंग्या मुसमानों का डर भी बढ़ता जाएगा.