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हरियाणा: शिक्षा में सबसे पिछड़े जिले ने एडमिशन में बनाया ये रिकॉर्ड

हरियाणा का वो जिला जिसे शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पिछड़े जिले के तौर पर देखा जाता है, लेकिन अब वो ही जिला शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है. अब नूंह ने सरकारी स्कूलोें में एडमिशन में ये नया रिकॉर्ड बनाया है.

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शिक्षा में सबसे पिछड़े जिले ने एडमिशन में बनाया ये रिकॉर्ड

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Published : Jul 1, 2021, 7:48 PM IST

नूंह: शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा के सबसे फिसड्डी जिलों में से एक नूंह, सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने में इस बार पहले पायदान पर पहुंच चुका है. शिक्षा विभाग ने जिले के अधिकारियों को तकरीबन सवा दो लाख बच्चों के दाखिला करने का लक्ष्य दिया था. शिक्षा विभाग इस लक्ष्य के आसपास पहुंच चुका है जो शिक्षा विभाग के लिए ही नहीं बल्कि इलाके के लिए भी सुकून देने वाली खबर है.

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अनूप सिंह जाखड़ ने कहा कि मई और जून महीने में स्कूल की छुट्टियां थी. अभी भी स्कूल बंद हैं. शुरुआत में दाखिले कम हो रहे थे, लेकिन अब नूंह अपने दाखिले के लक्ष्य तक पहुंचने ही वाला है. उन्होंने कहा कि अध्यापकों की मेहनत से अब तक 2 लाख 11 हजार बच्चे 1 से 12वीं कक्षा तक सरकारी स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं.

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अनूप सिंह जाखड़ ने बताया कि नूंह के सरकारी स्कूलों में हुए दाखिलों का ये आंकड़ा राज्य में सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अभी पहली कक्षा में दाखिले होने बाकी हैं, जो बच्चे अभी स्कूल से बाहर घूम रहे हैं. उनका दाखिला कराया जा रहा है. पहली से पांचवीं तक 1,19,000 बच्चों ने दाखिला लिया. छठी से आठवीं तक 55,000 बच्चों ने दाखिला लिया, जबकि नौवीं से बारहवीं तक 37,500 बच्चे अब तक दाखिला ले चुके हैं.

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डीईईओ ने कहा कि साल दर साल नूंह के सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2019 में 1,58,000 बच्चों ने दाखिला लिया था, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 1,78,000 हो गया और इस बार वर्ष 2021 में 2 लाख 11 हजार बच्चे अब तक पहली से बारहवीं तक दाखिला ले चुके हैं. जहां तक अध्यापकों की बात की जाए तो जिले में फिलहाल अध्यापकों की कमी है.

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जिले में 1,900 जेबीटी टीचर, 19,00 मास्टर और 900 टीजीटी अध्यापकों की अभी कमी है, लेकिन राहत की बात ये है कि जल्द ही सरकार अध्यापकों के ऑनलाइन तबादला खोलने जा रही है. इसके बाद जिन स्कूलों में बच्चे नहीं रहेंगे. उन स्कूलों के अध्यापकों का ऐसे स्कूलों में तबादला किया जाएगा. जहां छात्रों की संख्या अच्छी खासी है, इसलिए जिले में भविष्य में ज्यादा अध्यापकों की कमी पूरी होने संभावना है.

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