नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में मलेरिया के सबसे ज्यादा केस आते हैं, लेकिन पिछले 2 सालों में मलेरिया केसों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा चुकी है. साल 2018 में केसों की संख्या 4 डिजिट में थी, जो 2019 में 3 डिजिट तक आ गई. प्रशासन की कोशिश है कि 2020 में इस संख्या को 2 डिजिट तक रोका जाए.
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 2020 में महज 9 के सामने आए हैं. उन्होंने कहा मलेरिया को कम किया जाए, इसलिए गुरुवार को फील्ड में उतरने वाले योद्धाओं को प्रशिक्षण दिया गया.
मलेरिया से निपटने के लिए नूंह स्वास्थ्य विभाग हुआ तैयार, देखें वीडियो सीएमओ ने कहा कि उजीना पीएचसी के गांव हाई रिस्क जोन में आते हैं. वहां पर छोटे-छोटे गड्ढों में जो पानी जमा है, उसमें काला तेल सप्ताह में कम से कम 2 बार डाला जाए. फील्ड में दवाई छिड़काव का काम 1 मई से शुरू होने जा रहा है. इसके अलावा 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस है.
सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने कहा कि मलेरिया से निपटने के लिए विभाग के पास पुख्ता इंतजाम हैं. योद्धाओं को पूरी तरह ट्रेन करके फील्ड में भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि इस बार मलेरिया के केसों को जिले में 100 से कम आंकड़े पर रोक दिया जाए.