नूंह के बीवा गांव की खूबसूरत तस्वीर नूंह: देश के सबसे पिछड़े जिलों में हरियाणा का जिला नूंह भी शामिल है, लेकिन इस पिछड़े हुए जिले में एक गांव ऐसा भी है, जिसमें शहरों से भी ज्यादा सुविधाएं हैं. ग्रामीण इन सुविधाओं का फायदा उठा रहे हैं. यह गांव सरकार के किसी आदर्श गांव से भी कई गुणा बेहतर है. इसके लिए ग्रामीणों ने सहयोग किया और समाजसेवी एसएस संधू ने इस गांव की सूरत बदल कर रख दी है.
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जिला मुख्यालय नूंह से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर यह गांव बीवां है. इस गांव में करीब 174 परिवार रहते हैं और गांव की आबादी करीब 1 हजार के आसपास है. गांव में एक भी सरकारी कर्मचारी नहीं है. उसके बावजूद भी इस गांव का एक-एक कोना देखने लायक है. यहां पर तमाम जगहों की दीवारों पर शानदार चित्रकारी की गई है, जो काफी ज्यादा अट्रैक्टिव है.
आपको बता दें कि इस गांव में ग्राम सचिवालय स्कूल, आंगनबाड़ी, केंद्र, लाइब्रेरी, कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, एसएचजी महिला हाल, सीएसी केंद्र समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं. जिले के बीवां गांव की हर गली पक्की है. एक भी गली में एक भी बूंद पानी नहीं मिल सकता. दीवारों पर की गई खूबसूरत चित्रकारी को देखकर हर कोई सराहना करने पर मजबूर हो जाता है.
गांव में दीवारों पर बनी है मनमोहक पेंटिंग इसके अलावा, गांव में एक आलीशान मस्जिद का भी निर्माण कराया गया है. गांव में हर बुधवार को बुजुर्गों के लिए आंखों का फ्री कैंप लगाया जाता है. तमाम केंद्र व राज्य सरकार की सुविधाओं से ग्रामीण को पूरी तरह से अवगत कराया जाता है. गांव में ही आलीशान ग्राम सचिवालय बनाया हुआ है. जिसमें गांव का तमाम रिकॉर्ड उपलब्ध है.
कुल मिलाकर बीवां गांव शहरों की सुविधाओं को भी मात देता है. इस गांव की खूबसूरती को देखने के लिए आसपास के गांव के लोग भी आते हैं. इस गांव की सूरत बदलने में सरकार का उतना योगदान नहीं है, जितना योगदान अकेले समाजसेवी एसएस संधू का है. उनकी सोच की वजह से ही गांव की तकदीर व तस्वीर बदली है.
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