नूंह: स्वास्थ्य विभाग के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही आशा वर्कर राज्य सरकार से परेशान है. मांगों की पूरी नहीं होने से नाराज आशा वर्कर करीब 21 दिनों से लगातार सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में धरना दे रही हैं. ऐसे में अब आशा वर्कर ने दो टूक कहा दिया है कि जब तक सरकार उनकी न्यूनतम वेतन सहित अन्य मांगों पर विचार नहीं करती तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ आशा प्रतिनिधि मंडल की बैठक होनी है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई बुलावा उन्हें नहीं मिला है. आशा वर्कर सरकार के रवैये से बेहद नाराज हैं और उन्होंने कहा कि जब काम करना होता है, तो आशा वर्कर की याद आती है और जब वेतन देना तो सरकार उस पर गंभीर नहीं दिखाई नहीं देती.
आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन, देखिए वीडियो उन्होंने कहा कि उन्हें कम से कम न्यूनतम वेतन यानी 18,000 हजार रुपए चाहिए. महिलाओं ने राज्य सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह भी प्रदेश की बेटियां हैं. उनको आज वेतन की वजह से धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है, लेकिन सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है.
आशा वर्कर ने अपने तेवर जाहिर कर दिए हैं, जिससे सरकार को कोई ना कोई रास्ता निकालना चाहिए. उनका कहना है कि आशा वर्कर की हड़ताल और धरना प्रदर्शन लंबा खींचा तो स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका असर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. गुस्साई आशा वर्कर ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी कि सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा प्रांगण में बड़ी संख्या में आशा वर्कर वर्दी में धरना प्रदर्शन में दिखाई दी.
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