नूंह: हरियाणा के नूंह में खसरा का खतरा मंडराने लगा (risk of measles in Nuh) है. खसरे के मरीज आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. वहीं अब तक खसरे के तीन मरीजों की पहचान स्वास्थ्य विभाग कर चुका है. लेकिन गांधीग्राम घासेड़ा गांव में 100 से अधिक संदिग्ध खसरा के मरीज बताए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे करीब 50 गांव की पहचान की है जहां खसरा का खतरा अधिक हो सकता है. चिन्हित किए गए गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार जांच कर इलाज करने में जुटी हुई हैं. साथ ही जिन गांवों तक अभी खसरा का खतरा नहीं पहुंचा है, उन्हें इस खतरे से कैसे बचाना है, इसके लिए भी खास रणनीति पर काम किया जा रहा है.
घासेड़ा गांव में 100 से अधिक संदिग्ध : जानकारी के मुताबिक नवाबगढ़ गांव (Nawabgarh Village Nuh) में खसरा का खतरा बना हुआ है. गांव में अब तक 3 बच्चों में खसरे के लक्षण की पहचान की जा चुकी है. सबसे खास बात यह है कि ऐतिहासिक गांधीग्राम घासेड़ा एकमात्र ऐसा गांव (Gandhigram Ghaseda Village Nuh) है, जहां तकरीबन 100 से अधिक खसरा के संदिग्ध मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इस गांव में अपनी टीमें भेजकर घर-घर जांच कर इलाज शुरू कर दिया है. सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि अभी तक जिले में 3 खतरा के मरीजों की पुष्टि हुई है.
50 गांव में 20 फीसदी टीकाकरण :सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि तकरीबन 50 गांव जिले भर में ऐसे हैं, जहां 20 फ़ीसदी के करीब टीकाकरण हुआ है. खसरा की बीमारी उन्हीं गांवों में अधिक हो सकती है, जहां लोगों ने अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं कराया है. उन्होंने कहा कि यह बीमारी अधिकतर 5 आयु वर्ग के बच्चों में अधिक हो सकती है और पूरी तरह से जानलेवा बीमारी है. इससे अधिक आयु में यह ज्यादा खतरनाक साबित नही होती. इसमें बुखार आता है और शरीर पर लाल निशान पड़ जाते हैं. कई बार इस बीमारी में मरीज की आंखों की रोशनी तक जा सकती है. अगर समय रहते लोगों ने खसरा के खतरे को नहीं भांपा तो बड़ा नुकसान भी जानमाल का जिले में हो सकता है.