नूंहः गुरुग्राम लोकसभा से किसी भी दल द्वारा किसी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाना इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. हरियाणा में जितनी महिलाओं को चुनाव में टिकट देकर उतारा गया है, उनका 33 फीसदी तो दूर कुल मिलाकर 10 फीसदी तक हिस्सा भी नहीं बनता.
महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की बात कोरी बेईमानी
हरियाणा की राजनीति में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के दावे भले ही किए जा रहे हों, लेकिन दावों और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है. लोकसभा चुनाव के तहत गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने किसी महिला को मैदान में नहीं उतारा है.
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वहीं अगर हम बात करें सूबे की तो कांग्रेस ने अंबाला लोकसभा से कुमारी सैलजा और भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने सिरसा लोकसभा से सुनीता दुग्गल को मैदान में उतारा है.जेजेपी ने भिवानी-महेंद्रगढ़ से स्वाति यादव को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि महिलाओं की चुनावी मैदान में इस गिनती से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिलाओं की बराबरी और उत्थान की बातें करने वाली राजनैतिक पार्टियां आखिर महिलाओं को कितना मौका देती है.