नूंहःएक तरफ तो सरकार हरियाणा को सक्षम करने के लिए प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों में अध्यापकों की कमी को भी पूरा नहीं किया जा रहा है. तेड़ गांव में अधिकारियों की अनदेखी के चलते मीडिल स्कूल की अपग्रेड प्रक्रिया एक साल से अटकी हुई है.
ऐसे होगा 'सक्षम हरियाणा' का सपना साकार? जहां दो अध्यापकों के भरोसे चलता है पूरा स्कूल - ईटीवी भारत
एक तरफ सरकार जहां हरियाणा को सक्षम बनाने में जुटी है तो वहीं प्रदेश के कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां आज तक स्कूलों में अध्यापकों की कमी को भी पूरा नहीं किया जा सका. हम बात कर रहे हैं नूंह के तेड़ गांव की. जहां बच्चों का भविष्य प्रशासन और आला अधिकारियों की अनदेखी की मार झेल रहा है.
पूरे स्कूल में 2 अध्यापक
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का स्कूल मीडिल तक है, लेकिन स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी है. जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि स्कूल में छटी कक्षा से आठवीं तक मात्र दो ही अध्यापक हैं. जिनमें एक अस्थाई और एक स्थाई है. दोनों अध्यापक बच्चों के हर विषय की पढ़ाई नहीं करा सकते.
छात्रों ने बताई अपनी समस्याएं
छात्रों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के अलावा पीने के पानी की समस्या है और स्कूल परिसर नीचा होने के चलते बारिश का पानी भी यहां भर जाता है. जिससे बच्चों को स्कूल ग्राउंड में खेलने और निकलने में काफी परेशानी होती है. छात्रों ने बताया कि उनके पास बैठने के लिए भी बैंचों की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उन्हें जमीन पर बैठना पड़ रहा है. इससे ना केवल उनकी पढ़ाई बल्कि भविष्य भी दाव पर लगा है.