नूंह: जुनैद मौत मामले (Junaid Death Case) में बड़ा खुलासा हुआ है. जुनैद के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने हिरासत में लेकर जुनैद को टॉर्चर किया. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. जुनैद के परिजनों ने पुलिस के साथ हुई बातचीत का कथित ऑडियो जारी किया है. परिजनों के मुताबिक ऑडियो में पुलिसकर्मी उनसे रिश्वत की मांग कर रहा है. कथित ऑडियो में पुलिसकर्मी जुनैद के परिजनों से कह रहा है कि बेजवह छोरे का नया शरीर है खराब मत करवा. 20-20 साल हो गए हमें ये काम करते-करते. ऐसा कर दूंगा इसे कि यू खाण-खाण का रहवेगा कमाण का नहीं.
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इस कथित ऑडियो में जुनैद के परिजन पुलिसकर्मी से समाधान की बात पूछ रहे हैं. इसपर पुलिसकर्मी ने कहा कि आमने-सामने बैठ कर बातचीत करके ही समाधान होगा. दस आदमियों के तो गांव से ही फोन आ गए हैं. जो-जो सिफारशी हैं क्या तूझे लगता है कि सारे तुम्हारे फेवर में हैं और वो गाड़ी का तेल तुम्हारी वजह से फूंकेंगे?
सामने आया जुनैद के परिजन और पुलिसकर्मी के बीच मोबाइल पर बातचीत का कथित ऑडियो कथित ऑडियो में फोन पर पुलिसकर्मी ने कह रहा है कि जो आदमी मेरी तुमसे बात करवा रहा है मैं ये नहीं कह रहा कि वो गलत है. मेरे पास 55 आदमियों के फोन आ गए हैं. मैं ये कह रहा हूं कि तुम्हे इन सिफारिशों की जरूरत नहीं है. मैं तुम्हारा काम ऐसे ही कर रहा हूं. इसके बाद पुलिसकर्मी हिरासत में लिए युवक की बात उनके परिजनों से करवाता है. हिरासत में युवक फोन पर अपने परिजनों को जल्द आने की बात करता सुनाई दे रहा है. ईटीवी भारत हरियाणा इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता.
जानें क्या है पूरा मामला
परिजनों का कहना है कि 31 मई को जुनैद और उसके दोस्त बारात से नूंह लौट रहे थे. जहां से फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) ने उन्हें चोरी और ऑनलाइन ठगी के शक पर हिरासत में लिया. पुलिस का आरोप है कि पुलिस ने जुनैद की बेरहमी से पिटाई की. जिसकी वजह से जुनैद की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि अभी जुनैद के दो सगे भाई इरशाद और आजाद पुलिस की हिसारत में हैं. उन्हें भी पुलिस जबरदस्ती उठाकर ले गई थी.
परिजनों का कहना है कि जब उनको पता चला कि जुनैद को पुलिस उठाकर ले गई है तो उन्होंने फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) से बातचीत की. जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने उनसे जुनैद को छोड़ने की एवज में 70 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. जुनैद का भाई आजाद 70 हजार रुपये की रिश्वत लेकर उसे फरीदाबाद पुलिस हिसारत से छुड़वाकर लाया था. जिसके करीब 10 दिन बाद जुनैद की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि जुनैद को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उसकी तबियत बिगड़ती चली गई. जिसके बाद उसने शनिवार को दम तोड़ दिया.
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जुनैद की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने पुन्हाना रोड पर जाम लगा दिया. सूचना मिलने पर पुलिस जाम खुलवाने पहुंची तो गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पीसीआर में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया. बिगड़ते हालात को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाया. अब ग्रामीण और परिजन आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.