नूंह: मेवात की उजीना ड्रेन में पानी नहीं आने के कारण किसानों की फसलें सूख रही हैं. फसलों को अपने सामने सूखता देख धरती पुत्र हताश व निराश है. सरकार में बैठे मंत्री व अधिकारी किसानों के दर्द को नहीं सुन रहे हैं. नाराज किसानों ने इसी सिलसिले में नूंह उपायुक्त (Farmers met Deputy Commissioner in Nuh) अजय कुमार से मिले. किसानों ने डीसी से कहा कि अगर नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया तो किसानों को मजबूरी में लघु सचिवालय पर धरना देना पड़ेगा.
नूंह में सिंचाई का पानी नहीं मिलने से किसान परेशान, सड़क जाम और प्रदर्शन की दी चेतावनी - नूंह की नहरों में पानी नहीं
नूंह में सिंचाई की समस्या (Irrigation problem in nuh) से किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि ना सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है और ना जानवरों के लिए तालाब में पानी बचा है. इसी को लेकर नूंह के किसानों ने उपायुक्त से मुलाकात की. किसानों ने पानी नहीं मिलने की हालत में सड़क जाम और प्रदर्शन की चेतावनी दी.
उजीना गांव के अलावा आसपास के दर्जन भर गांवों के किसानों ने उपायुक्त अजय कुमार नूंह से मुलाकात करके अपनी मजबूरी से अवगत कराया. किसानों ने कहा कि कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, कैबिनेट मंत्री डॉ बनवारी लाल, विधायक संजय सिंह सोहना के अलावा सिंचाई विभाग के अधिकारियों से उजीना ड्रेन में पानी छोड़ने की गुहार एक बार नहीं बल्कि बार-बार लगाई गई. उसके बावजूद सिंचाई विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही.
बाजरे की फसल पकने को तैयार है. ज्वार की फसल पानी के अभाव में सूख रही है. दोनों ही फसलें सिंचाई नहीं होने के कारण खराब हो चली हैं. आगामी गेहूं व सरसों की फसलों की बिजाई पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं. हद तो तब हो गई जब मवेशियों के पीने तक के लिए तालाबों में पानी नहीं बचा है. धरती पुत्र पिछले करीब 10-12 दिन से लगातार नेताओं अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं और नहरों में पानी छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं. परंतु किसी ने सुनवाई नहीं की. उपायुक्त अजय कुमार ने किसानों से मुलाकात के दौरान भरोसा दिलाया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों से उजीना ड्रेन में पानी छोड़ने को लेकर बातचीत की जाएगी और किसानों की इस मांग पर तेजी से अमल किया जाएगा.