नूंह:जिले में धर्म परिवर्तन का मामला (nuh religion conversion case) लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. आए दिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बुधवार को समय सिंह एडवोकेट निवासी सलंबा ने पुलिस कप्तान नरेंद्र सिंह से मुलाकात कर उन पर धर्मांतरण कराने के लिए उकसाने के लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए मनोज पुत्र रमेश निवासी बारोटा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. समय सिंह के साथ दर्जन भर से अधिक दलित समाज के लोगों ने पुलिस कप्तान से मुलाकात कर सारी स्थिति से उनको अवगत कराया.
शिकायतकर्ता समय सिंह एडवोकेट ने कहा कि पिछले करीब एक वर्ष से उसे षड्यंत्रपूर्वक टारगेट करके कुछ लोग बदनाम करने की नीयत से छवि मान सम्मान को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उस पर मनोज ने जो धर्म परिवर्तन करवाकर जमात में भेजने जैसे गंभीर आरोप हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है. समय सिंह ने कहा कि मैं हिंदू धर्म से संबंध रखता हूं, जमात से मेरा कोई लेना देना नहीं. मनोज से कभी मुलाकात भी नहीं हुई और ना ही मैं मनोज को जानता हूं.
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समय सिंह ने कहा कि कुछ मीडिया घराने भी उनकी छवि को खराब करने की नापाक साजिश रच रहे हैं. भारतीय संविधान में आस्था रखते हुए वह सामाजिक संगठन भारत मुक्ति मोर्चा जो बामसेफ से संबंधित है उसके पदाधिकारी हैं और भारतीय समाज में भाईचारा निर्माण करने के लिए लगातार प्रयास रहते हैं. कुछ आरएसएस की विचारधारा के लोग उनके कट्टर दुश्मन हैं जो उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की बार-बार कोशिश कर रहे हैं.
समय सिंह एडवोकेट ने कहा कि पुलिस कप्तान नरेंद्र सिंह बिजारनिया ने भरोसा दिलाया है कि सोशल मीडिया में उन पर आरोप लगाने वाले वीडियो को लेकर पुलिस विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. ये मामला कोर्ट का है. बता दें कि मनोज वही शख्स है जिसने रोजका मेव थाने में 3 दिन पहले ही 4 लोगों पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाते हुए विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें अबू बकर नाम के आरोपी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
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इस मामले में अभी तीन आरोपियों की गिरफ्तारी बकाया है, लेकिन उससे पहले ही इस तरह के आरोप समय सिंह एडवोकेट निवासी सलंबा पर भी लग चुके हैं. समय सिंह एडवोकेट ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने ये भी कहा कि वह जल्द ही इन बेबुनियाद व छवि खराब करने वाले आरोपों को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा ने से पीछे नहीं रहेंगे.