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NUH: प्रशासनिक उपेक्षा के कारण से जर्जर हालत में नूंह की ऐतिहासिक धरोहरें - Historical heritage of Nuh

जिला नूंह की ऐतिहासिक धरोहरें (Historical heritage of Nuh) जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है. आधुनिकता के इस दौर में यह धरोहरें लापरवाही की धूल चढ़ गई है. पुरातत्व विभाग का भी नूंह की धरोहरों को संजोए रखने पर खास ध्यान नहीं (heritage of Nuh in dilapidated condition) है. वहीं सरकार अगर इन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करती है, तो इलाके के विकास से लेकर यहां के इतिहास की दुनिया साक्षी बनेगी. सरकार को यहां से अच्छा खासा राजस्व भी मिल सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

heritage of Nuh in dilapidated condition
प्रशासनिक उपेक्षा के कारण से जर्जर हालत में नूंह की ऐतिहासिक धरोहरें

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Published : May 19, 2022, 8:40 AM IST

Updated : May 19, 2022, 9:28 AM IST

नूंह:नूंह की ऐतिहासिक धरोहरें (Historical heritage of Nuh) जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है. आधुनिकता के इस दौर में यह धरोहरें लापरवाही की धूल चढ़ गई है. पुरातत्व विभाग का भी नूंह की धरोहरों को संजोए रखने पर खास ध्यान नहीं है. बता दें, जिले में कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं जो प्रशासनिक उपेक्षा के कारण खत्म हो रहे हैं. जिसमें मुगल काल से पहले व बाद के शानदार नक्काशी से सजे खूबसूरत महल, बावड़ी, मंदिर, मस्जिद व अन्य मौजूद है.

इन ऐतिहासिक इमारतों को समय रहते बचाया नहीं गया तो नूंह का गंगा-जमुना तहजीब का अंत हो जाएगा. जिससे आने वाली पीढ़ी दंत कथा तक सिमट कर रह (heritage of Nuh in dilapidated condition) जाएगी. जिले के पिनगवां कस्बे में राजा नल के महल, बावड़ी, मकबरा, कुआं जर्जर हालत में है. जो मेवात की एकता, अखण्डता व गौरवशाली इतिहास को ब्यां कर रही है. जिले की कुछ ऐतिहासिक धरोहरों को पुरातत्व विभाग ने अपने कब्जे में लिया हुआ है. लेकिन फिर भी कोई खास कदम उन्हें बचाने के लिए नहीं उठाए गए.

NUH: प्रशासनिक उपेक्षा के कारण से जर्जर हालत में नूंह की ऐतिहासिक धरोहरें

इसके अलावा आधा दर्जन इमारतें आज भी लावारिस हालत में खण्डहर होने के कगार पर पंहुच चुकी है. जिले के ग्रामीण व समाजसेवियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि नूंह आंचल का गौरवशाली इतिहास रहा है. यहां अनेक राजाओं ने राज किया लेकिन हिन्दू-मुस्लिमों में कभी बवाल नहीं हुआ. ऐतिहासिक इमारतों से पूरा नूंह भरा हुआ है. इसलिए सरकार को नूंह के बुजुर्गों द्वारा बनाई गई इमारतों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए. जिससे आने वाली युवा पीढ़ी व बाहर से आने वाले लोग नूंह के इतिहास को समझ सके.

प्रशासनिक उपेक्षा के कारण से जर्जर हालत में नूंह की ऐतिहासिक धरोहरें

कुल मिलाकर नूंह का इतिहास गौरवशाली है. यहां के वीर सपूतों ने न केवल मुल्क के लिए कुर्बानियां दी, बल्कि नूंह इलाके के ऐतिहासिक स्थल आज भी इसके गौरवशाली इतिहास की गाथा सुना रहे हैं. सरकार अगर इन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करती है, तो इलाके के विकास से लेकर यहां के इतिहास की दुनिया साक्षी बनेगी. सरकार को यहां से अच्छा खासा राजस्व भी मिल सकता है.

Last Updated : May 19, 2022, 9:28 AM IST

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