नूंह: निजामुद्दीन मरकज दिल्ली में कोरोना वायरस के तकरीबन दो दर्जन से अधिक पॉजिटिव केस मिलने के बाद तबलीगी जमात पर सवाल उठने लगे हैं. हरियाणा का मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह भी एकाएक चर्चाओं में आ गया है, क्योंकि दुनियाभर में तबलीगी जमात का सिलसिला इसी धरती से शुरू हुआ था.
जैसे ही निजामुद्दीन मरकज दिल्ली से सैकड़ों लोगों को ले जाकर अस्पतालों में भर्ती कराया गया और उनकी जांच की गई. सैंपल लेने पर जब दो दर्जन के करीब के केस पॉजिटिव पाए गए तो देशभर में हलचल मच गई.
दरअसल, दुनियाभर में तबलीगी जमात निजामुद्दीन मरकज में आती है और उनके बाद उनको अलग-अलग राज्यों में भेजा जाता है. जब उनका 40 दिन का चिल्ला समाप्त हो जाता है या फिर 4 महीने का वक्त तबलीगी जमात में पूरा हो जाता है. उसके बाद ये तबलीगी जमात वापस निजामुद्दीन मरकज आती है. उसके बाद इन्हें घर के लिए रवाना किया जाता है.
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नूंह जिले में इस समय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 6 तबलीगी जमात नूंह खंड के अलग-अलग गांव की मस्जिदों में ठहरी हुई है. ज्यादातर जमात 14 मार्च से पहले-पहले यहां आई थी. कुछ जमातों का 28 दिन का समय नूंह जिले में पूरा हो चुका है.
स्वास्थ्य विभाग ने इन जमातों की स्क्रीनिंग की है. कुल 71 सदस्यों में अभी तक कोई भी संदिग्ध या पॉजिटिव केस नहीं मिला है. मस्जिदों में ही जमातों को क्वॉरंटाइन किया गया है. अगर किसी तबलीगी जमात के सदस्य में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें मालब गांव में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भर्ती किया जा सकता है.
कुल मिलाकर जैसे ही निजामुद्दीन मरकज दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव केस मिले तो नूंह जिले में भी हलचल तेज हो गई. हरियाणा पुलिस का खुफिया विभाग तबलीगी जमातों की जानकारी जुटाने में जुट गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी उन गांवों के लिए रवाना हो गई, जहां तबलीगी जमात ठहरी हुई थी.