नूंह: हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress Crisis) में दोबारा से नेतृत्व को लेकर जंग छिड़ी है. पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थित विधायक पुरजोर तरीके से भूपेंद्र हुड्डा को प्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं. इसके अलावा उनका ये भी कहना है कि बिना विधायकों से सलाह लिए कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस में नियुक्तियां कर रही हैं. हरियाणा कांग्रेस में जारी इस बवाल के बीच संगठनात्मक नियुक्तियों करने की तैयारी जारी है.
दरअसल, यूथ कांग्रेस का संगठन मजबूत करने के लिए नूंह में प्रक्रिया शुरू हो गई है जो अगले एक महीने तक चलेगी. इस बार यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी चुनने के लिए युवा कांग्रेस के सदस्य ऑनलाइन वोटिंग का इस्तेमाल करेंगे. एक सदस्य प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव, जिला अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के लिए मतदान कर सकेगा.
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कुल मिलाकर कांग्रेक की कोशिश है कि अगले एक महीने में यूथ कांग्रेस का संगठन प्रदेश में मजबूती से खड़ा कर दिया जाए. बुधवार को सीएलपी उप नेता विधायक आफताब अहमद ने यूथ कांग्रेस के सदस्यों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि इस बार चुनाव अलग तरीके से होने जा रहा है. शांतिपूर्वक तरीके से एकजुटता के साथ ऑनलाइन तरीके से मतदान करना है.
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क्या है मामला?
बता दें कि सोमवार यानी 5 जुलाई को हरियाणा कांग्रेस के पांच विधायक केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal)से मुलाकात करने पहुंचे थे. मुलाकात से पहले सभी विधायक दिल्ली स्थित भूपेंद्र सिंह हुड्डा आवास पर इकट्ठा हुए थे. चर्चा है कि हुड्डा समर्थकों का कहना है कि हरियाणा की प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व नहीं कर पा रही हैं, इस लिए उनको हटाकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस की कमान सौंपी जाए. कांग्रेसी विधायकों ने पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई के बाद इनेलो की मजबूती बढ़ने और कांग्रेस का जनाधार टूटने की आंशका जताई है.