Harayana Procurement Bajra on MSP 2023:बाजरे की आवक मंडियों में शुरू, एमएसपी पर खरीदी नहीं होने से नाराज किसान, लग रहा घाटा
Harayana Procurement Bajra on MSP 2023: हरियाणा की मंडियों में बाजरा आना शुरू हो गया है.फिलहाल सरकार ने बाजरे की खरीदी शुरू नहीं की है. इसकी वजह से किसानों को घाटा हो रहा है.हरियाणा सरकार ने बाजरे का एमएसपी करीब 2500 रूपए रखा है. कृषि मंत्री बोल रहे हैं कि भावांतर योजना के तहत किसानों के नुकसान की भरपाई कर दी जाएगी. (Haryana Bajra Farmer Suffer losses 2023) (Procurement Of Pearl Millet Not Started In Haryan 2023)
हरियाणा के कृषि मंत्री जे. पी. दलाल बोले भावंतर से मिलेगी रकम
चंडीगढ़/नूंह:हरियाणा के किसान खुश हैं क्योंकि बाजरे की फसल बहुत अच्छी हुई है. इस खुशी को वो बता भी रहे हैं, पर एक शिकायत के साथ. उनकी शिकायत बाजरे की खरीदी एमएसपी पर शुरू नहीं होने को लेकर है. इसकी वजह से किसानों को घाटा लग रहा है. वहीं सरकार भावांतर योजना के तहत भरपाई करने की बात कर रही है.
बाजरा लेकर पुनहाना मंडी पहुंचे किसान:सुबह से ही पुनहाना मंडी में किसान बाजरा लेकर पहुंच रहे हैं.पुनहाना नूंह जिले की बड़ी अनाज मंडी है. सबसे ज्यादा बाजरा पुनहाना और तावडू की अनाज मंडी में ही आता है. मंडी में बाजरा लेकर पहुंचे पापड़ा गांव के किसान ने बताया,'60 एकड़ में बाजरा बोया है. पहले बारिश नहीं हुई थी, तो बाजरा सूख रहा था. फिर बारिश हुई तो बाजरा बहुत अच्छा निकला है. फाइन क्वालिटी का बाजरा लेकर मंडी में आए हैं.' किसान का कहना है कि सरकार की खरीदी होगी तो दाम मिल जाएगा. यानि कि किसान को सरकार से उम्मीद है.मंडी में पल्लेदारी का काम करने वालों का कहना है कि किसान अगर सुखाकर बाजरा लाते हैं तो गुणवत्ता अच्छी रहेगी.
मंडी में क्या है बाजरे का भाव:हरियाणा में हो रही बारिश का असर बाजरे की आवक पर पड़ा है.कई जगह किसानों ने बाजरा खेत से काट लिया है लेकिन वो अभी मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. मौसम में आए बदलाव के कारण निकासी नहीं हो पा रही है. जो बाजरा अभी पहुंचा है. उसकी खरीदी आढ़ती कर रहे हैं. अभी भाव करीब 2000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि सरकारी भाव करीब 2500 रुपए हैं. मंडी के आढ़तिए उमेश आर्य ने बताया,'मंडी में बाजरा आ रहा है. हम सरकार से मांग कर रहे हैं जल्द से जल्द मंडी में खरीदी शुरू कराई जाए. मौसम के कारण बाजरा अभी गीला है.ये कैटल फीड बाजरा है. इसका रेट करीब 2000 रूपए तक गया है.मंडी में आढ़तिए सुविधाएं भी दे रहे हैं.' जैसे ही सरकार खरीदी शुरू करेगी तो हो सकता है कि भाव बढ़ जाए. इस मामले में सरकार का भी जवाब आया है.
क्या बोले कृषि मंत्री ?:हरियाणा के कृषि मंत्री जे. पी. दलाल ने माना कि बाजरे की खरीदी एमएसपी से कम हो रही है. उन्होंने बताया,' अभी तक 10 हजार मैट्रिक टन बाजरा आया है. किसानों को जल्दी में बाजरा बेचने की जरूरत नहीं है. कुछ दिनों में रेट ठहर जाएगा. किसी भी किसान का नुकसान नहीं होगा. जिस किसान को रेट कम मिलेगा. उसको भावांतर स्कीम के तहत बकाया रकम दी जाएगी.' वैसे सरकार धान की खरीद को भी जल्दी शुरू करना चाह रही है. 20 सितंबर से धान की खरीद शुरू हो सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है.
बाजरे की खरीदी पर राजनीति:हरियाणा में इस पूरे मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है.भारतीय किसान यूनियन के राकेश आर्य ने बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करवाने के लिए पूर्व मंत्री एवं भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ को मांगपत्र दिया है. राकेश आर्य ने कहा,'मौसम की मार के चलते किसानों की फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच जाती है. ऐसा ही अब सरकार बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नहीं करके कर रही है. सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करे.' इसके पहले कांग्रेस के भूपेन्द्र हुड्डा भी अपना बयान दे चुके हैं. उनका कहना था कि सीजन के पहले सरकार फसलों की एमएसपी घोषित कर देती है. पर ये सब कागजों पर ही रह जाता है.