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कोरोना काल में मलेरिया बना नूंह स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती, इस साल मिले 18 केस - नूंह 18 मलेरिया केस

जुलाई के महीने में मलेरिया का सबसे ज्यादा खतरा होता है. इसलिए नूंह स्वास्थ्य विभाग पहले से ही सतर्क हो गया है. जिले में इस साल अब तक 18 केस मलेरिया के सामने आए हैं.

eighteen malaria case found from nuh till july 2020
कोरोना काल में मलेरिया बना नूंह स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती

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Published : Jul 28, 2020, 10:31 AM IST

नूंह:कोरोना वायरस के बीच मलेरिया से निपटने के लिए नूंह स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि पिछले साल नूंह में मलेरिया के 942 केस मिले थे. जिले में इस साल अब तक 18 केस मलेरिया के सामने आए हैं.

उन्होंने बताया कि कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियान के साथ-साथ डोर टू डोर मलेरिया उन्मूलन के संबंध में भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग को आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए लोगों को जागरुक करने की हिदायतें भी दी गई हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों के मुकाबले डेंगू और मलेरिया के मामलों में कमी आई है, लेकिन जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अभी जागरुक होकर और आपसी तालमेल के साथ कार्य करना होगा.

कोरोना काल में मलेरिया बना नूंह स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती

डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि इस महीने लोगों को जागरुक करने, स्प्रे करने, जलभराव में काला तेल डालने, मच्छरदानियों का वितरण करने सहित कई बड़े कदम उठाए जाते हैं, ताकि मच्छर का डंक लोगों के स्वास्थ्य पर भारी ना पड़ जाए. खास बात तो ये है कि इस बार स्वास्थ्य विभाग ने आशा और आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं को फीवर ट्रीटमेंट डिपो का कार्यभार दिया है.

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डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि कोरोना रोग के मद्देनजर स्वास्थ विभाग पर पहले से ही काफी दबाव है, इसलिए आगामी मानसून सीजन में पानी में पैदा होने वाले एनाफलीज और मच्छरों के पनपने पर रोक लगाना बहुत आवश्यक है ताकि डेंगू और मलेरिया न फैले.

मलेरिया के लक्ष्ण

  • मलेरिया होने पर रोगी को सर्दी लगने लगती है.
  • शरीर कांपने लगता है.
  • सर्दी के साथ प्यास लगना.
  • उल्टी होना, हाथ पैरों पर ठंड लगना.
  • बेचैनी होना.
  • कब्ज, घबराहट और बेचैनी भी इस बीमारी के लक्षण होते हैं.

कैसे फैलता है मलेरिया?

मलेरिया संक्रमित मच्छर में मौजूद एक परजीवी की वजह से फैलता है. अनोफलीज नाम की संक्रमित मादा मच्छर के काटने से इंसान के खून में ये वायरस फैल जाता है. केवल अनोफलीज मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार फैला सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो. ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है.

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