नूंह: उत्तर भारत में इन दिनों प्रचंड गर्मी पड़ रही है. अप्रैल में ही जून-जुलाई की तपती गर्मी का अहसास हो रहा है. ऐसे में नदियां और तालाब भी सूखते जा रहे हैं. जिससे लोगों को पीने के पानी की समस्या हो रही है. हरियाणा के जेवंत गांव (jewant village in nuh) में आजादी के 75 साल बाद भी पीने का पानी नहीं पहुंचा है. यहां के लोग पड़ोसी राज्य राजस्थान के नल से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. ये नल गांव की सीमा से करीब 3 किलोमीटर दूर है.
राजस्थान की सीमा में लगे इस नल से गांव ही महिलाएं भीषण गर्मी में पैदल पीने का पानी लाने को मजबूर हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक गांव का पानी खारा है. यहां आज तक पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई है. प्यास बुझाने के लिए तीन किलोमीटर दूर राजस्थान की सीमा से लगे नल से मीठा पानी लाना पड़ता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक गांव में पाइप लाइन बिछाकर हर घर टूटी तो लगवा दी गई है, लेकिन उन टूटियों में अभी तक एक बूंद पानी भी नहीं टपका है.
कई बार शिकायत के बाद भी जन स्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. कहने को तो जेवंत गांव में चेंबर भी बनाया हुआ है, लेकिन यहां पानी की एक बूंद भी नहीं है. हरियाणा देश के विकसित राज्यों में शुमार है, लेकिन इसी सूबे का नूंह जिला आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है. यहां के लोगों को पानी की किल्लत (drinking water problem in jewant village) का सामना करना पड़ रहा है.