नूंह:हरियाणा का नूंह जिला सबसे पिछड़े इलाकों में गिना जाता है. यहां विकास के काम बहुत कम हुए हैं. मेवात का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण और शहर से दूर दराज का इलाका है. राजस्थान के भरतपुर और अलवर तक फैसे इस इलाके में काफी हिस्सा वीरान रहता है. अरावली की पहाड़ी और खनन एरिया होने के चलते भी ये इलाका इन दिनों साइबर अपराधियों की पनाहगाह बन चुका है. यहां से बैठकर साइबर अपराधी फर्जी सिम नंबर के जरिए नूंह में ऑनलाइन फ्रॉड (Cyber Crime Cases in Nuh) का खेल खेलते हैं.
2022 में 550 साइबर क्राइम की शिकायतें- नूंह पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने कहा कि साइबर अपराध की जो घटनाएं हैं, वो भरतपुर व नूंह की सीमा पर ज्यादा हैं. इन इलाकों के जो गांव हैं वहां से साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आती हैं. पुलिस के पास एनसीआरबी पोर्टल व साइबर हेल्प डेस्क के जरिए शिकायतें आती हैं. नूंह में साइबर अपराध के मामले (Cyber Crime Cases in Nuh) की बात करें तो तकरीबन 550 शिकायतें इस साल मिली हैं, जिनकी जांच करके नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है.
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साइबर अपराधियों की सूची तैयार- पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए हमने कुछ प्रभावी कदम उठाए हैं. जा गांव साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट बन चुके हैं उन्हें चिन्हित करके टावर डंप एनालिसिस के जरिए नंबर निकाले गये हैं, जो फ्रॉड आईडी पर लिए गए हैं. ऐसे नंबरों की हर डिटेल, हर महीने सीआईडी विभाग से शेयर की जाती है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराधियों को इससे एक बड़ी चोट लगती है. नूंह साइबर थाना पुलिस ने हरियाणा के मेवात से संबंधित जो साइबर अपराधी पकड़े गये हैं उनसे पूछताछ के आधार पर जिला स्तर पर साइबर अपराधियों की एक सूची तैयार की है. इन अपराधियों पर पैनी नजर रखी जाती है.