नूंह: आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर करीब 32 दिनों से सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में धरना प्रदर्शन कर रही हैं. आशा वर्कर्स का कहना है कि जब तक सरकार उनकी न्यूनतम वेतन की मांग को नहीं मानेगी. तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. उनका कहना है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की आशा प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक होनी है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई बुलावा नहीं मिला है.
आशा वर्कर सरकार के रवैये से बेहद नाराज हैं. आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार को जब काम कराना होता है तो आशा वर्कर की याद आती है. वहीं जब वेतन देना होता है तो सरकार उस पर गंभीर नहीं दिखाई देती. आशा वर्कर्स का कहना है कि 4000 रुपये से अधिक एक मजदूर को भी मिल जाते हैं. सरकार को कम से कम न्यूनतम वेतन 18,000 हजार रुपये देना चाहिए.