नूंह: अम्बेडकर राइट डॉक्टर्स एसोसिएशन एवं अम्बेडकर मिशनरीज विद्यार्थी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नूंह में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. जिसका मुख्य एजेंडा नूंह जिले में स्थित शहीद हसन खान मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज को मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया की स्थायी मान्यता न मिलने बारे, अनुसूचित जाति के डॉक्टर्स की सीटों को सामान्य वर्ग से भरने की साजिश रचना एवं स्थायी डायरेक्टर की नियुक्ति करवाने बारे रहा.
'नकारात्मक रवैये के कारण मेडिकल कॉलेज को स्थायी मान्यता नहीं मिल रही'
प्रेस वार्ता के दौरान अम्बेडकर राइट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. गुलशन प्रकाश ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कार्यवाहक डायरेक्टर एवं रिक्रूटमेंट विभाग में बैठे कुछ अधिकारियों के नकारात्मक रवैये के कारण मेडिकल कॉलेज को स्थायी मान्यता नहीं मिल पा रही है. क्योंकि इन अधिकारियों द्वारा कुछ विभागों जैसे डेंटिस्ट्री एवं चेस्ट एंड टी.बी. विभाग में सामान्य वर्ग के खाली पद होते हुए भी इन पोस्टों का विज्ञापन सजिशवश नहीं निकाला गया, इसी के साथ-साथ मेडिसिन एवं एनेस्थेसिया विभाग में कार्यरत एचसीएमएस के डॉक्टरों को असिस्टेंट प्रोफेसर का चार्ज नहीं दिया गया, जोकि विगत डायरेक्टर द्वारा दिया जाता रहा था.
उन्होंने कहा कि जबकि इन विभागों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया के आंकड़ों अनुसार कमी बनी हुई है. स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग, बाल रोग विभाग, माइक्रोबायोलॉजी एवं बेहोशी विभाग में मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया के आंकड़ों अनुसार कमी ना होते हुए भी इन विभागों में अनुसूचित जाति के पदों को सामान्य वर्ग से भरने की साजिश को अंजाम देकर सरकार की छवि खराब करने कि कोशिश की गई.