नूंह में पीएम किसान सम्मान निधि से 25 हजार किसान वंचित नूंह: पीएम किसान सम्मान निधि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है लेकिन नूंह जिले के हजारों किसान अज्ञानता के कारण इस योजना का लाभ उठाने से वंचित हैं. आंकड़ों के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि का जिले के 47 हजार किसान लाभ उठा रहे हैं, लेकिन अभी भी तकरीबन 25 हजार से अधिक किसान ऐसे हैं, जो दस्तावेजों में खामियों की वजह से इस योजना का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह जागरूकता की कमी और अज्ञानता है निकलकर सामने आई है.
कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी अजय तोमर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि केवाईसी नहीं करवाने की वजह से अधिकतर किसान इस योजना का लाभ लेने से वंचित हैं. उन्होंने बताया कि नेशनल बैंकों व डाकघर में खाता नहीं होने के चलते केंद्र सरकार की एनपीआईसी का लाभ किसान नहीं ले पा रहे हैं. अजय तोमर का कहना है कि अधिकतर योजना का लाभ नहीं ले पाने वाले वह किसान हैं, जिन्होंने सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक तथा कोऑपरेटिव बैंक में खाते खुलवाए हैं. किसानों को कई बार इस बारे में बता दिया गया है, लेकिन उन्होंने नेशनल बैंकों में खाते नहीं खुलवाए हैं.
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पीएम किसान सम्मान निधि के लिए किसान दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. डाकखाने में भी किसानों को खाता खुलवाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को सीएससी सेंटर पर जाकर या बैंकों में जाकर भी केवाईसी करने के लिए कृषि विभाग समय-समय पर कहता रह रहा है, लेकिन अब कृषि विभाग गांव-गांव, घर-घर जाकर किसानों की केवाईसी करेगा ताकि सभी को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल सके. कृषि अधिकारी ने बताया कि तकरीबन 25 हजार किसान ऐसे हैं, जिनका नेशनल बैंकों में या डाकघर में खाता नहीं होने की वजह से उनको केंद्र की इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कृषि अधिकारी यह भी मानते हैं कि किसानों को खाता खुलवाने के लिए इधर-उधर के धक्के खाने पड़ रहे हैं.
किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए दर-दर के ठोकर खाने को मजबूर है. उसकी कोई सुनने वाला दिखाई नहीं पड़ रहा है. जब इस बारे में किसानों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस योजना का लाभ लेने के लिए कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. जानकारी ना होने के चलते उनका कहीं पर भी काम नहीं हो रहा है.
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