महेंद्रगढ़:परमाणु ऊर्जा विभाग ने हेलीकॉप्टर की मदद से नारनौल और आस-पास के क्षेत्र में सर्वे शुरू कर दिया है. हालांकि सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद पता चल सकेगा कि इस क्षेत्र में यूरेनियम की स्थिति क्या है? अगर सर्वे सफल होता है तो ये केवल महेंद्रगढ़ या हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की आर्थिक ताकत बढ़ाने में बड़ा सहायक साबित हो सकता है.
बता दें कि परमाणु ऊर्जा विभाग ने लगभग 15 दिन पहले जिला प्रशासन से सर्वे के लिए अनुमति मांगी थी, जिसे जिला प्रशासन ने मंजूर कर लिया था. जानकारी के मुताबिक विभाग की टीम यूरेनियम की संभावनाओं को देखते हुए पिछले एक पखवाड़े से इस क्षेत्र में सर्वे कर रही है.
नारनौल के नजदीकी गांव जोरासी के पास सर्वे का काम शुरू किया गया है. हेलीकॉप्टर पर एक जाल लटकाया गया है, जिसमें जमीन को अंदर से स्कैन करने के लिए हाई पावर मशीनें लगाई गई हैं. ये हेलीकॉप्टर काफी नीचे तक आकर भूमि को स्कैन कर रहा है.
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बता दें कि नारनौल की पहाड़ियों में कई प्रकार की धातुएं मिल रही हैं. अरावली की खेतड़ी रेंज भी नारनौल से जुड़ी है और यहां पर तांबा भी निकल रहा है. इसके अलावा कई अन्य धातुओं की संभावना भी बनी हुई है. नारनौल की तीजों वाली पहाड़ी में किसी जमाने में सोने की माइनिग के लिए खुदाई की गई थी, लेकिन उस पर आ रहा खर्च अत्यधिक होने की वजह से खनन रोक दिया गया था. खैर नई कवायद सोने से भी महंगे यूरेनियम की तलाश के लिए शुरू हुई है. यूरेनियम मिला तो इससे देश को आर्थिक मजबूती मिल सकती है.
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खनन अधिकारी अनिल अटवाल ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग का सर्वे कामयाब होता है तो देश के परमाणु संयंत्रों को नई ऊर्जा मिलेगी और देश में बिजली का संकट स्थायी तौर पर दूर हो सकेगा.