महेंद्रगढ़: नारनौल में किसानों की अनदेखी से नाराज़ किसानो ने आज से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान महेंद्र यादव ने की.
क्यों है नाराज़?
प्रधान ने बताया कि जिले में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-11, एनएच-148 बी व एनएच-152 डी बाईपासों के लिए सरकार, किसानों की भूमि की अंधाधुंध अधिग्रहण कर रही है. भूमि के बदले जो मुआवजा दिया जा रहा हैं वह भी बहुत कम है.
सांसद से लेकर मुख्यमंत्री तक लगा चुके गुहार
किसानों का कहना था कि वे कई बार उपायुक्त, हलका विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखित व मौखिक रूप अपनी इस समस्या को बता चुके है, लेकिन सरकार द्वारा किसानों की लगातार अनदेखी के कारण उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है.
क्या कहा किसानों ने ?
किसानों ने कहा कि हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन विकास के नाम पर किसान को बर्बाद किया जा रहा है. सरकार किसानों की भूमि को सस्तें भावों में लेकर उसे मरने के लिए विवश कर रही है.
क्या है मांग ?
उन्होंने सरकार से मांग कि इन किसानों को गुरूग्राम की तर्ज पर ही मुआवजा दिया जाए, क्योंकि जिला महेंद्रगढ़ क्षेत्र भी एनसीआर में ही आता हैं. गौरतरब हैं कि जहां एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने की बात होती हैं, तो वहीं इन्हीं किसानों को अपनी ही भूमि को पानी के भावों में सरकार को बेचना पड़ रहा है. किसानों की मांग हैं कि सरकार उनको उचित मुआवज़ा दे.